विधायक ने पत्र में शिकायत की है कि पुलिस अधीक्षक का गैरजिम्मेदराना व्यवहार है। उनकी कार्यशैली जनप्रतिनिधियों और आमजन के प्रतिकूल है। उनके संरक्षण में पुलिस में भारी भ्रष्टाचार पनप रहा है।
जिले के थानों से मासिक वसूली की जा रही है और बजरी निकासी पर भारी रुपए लेकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। उन्होंने यहां तक लिखा है कि करौली जिला स्थापना के बाद से ऐसा भ्रष्ट अफसर कभी नहीं आया। उन्होंने मुख्यमंत्री से एसपी कच्छावा को हटाने की मांग की है।
इधर विधायक के आरोपों को लेकर पुलिस अधीक्षक कच्छावा ने किसी भी तरह का अपना पक्ष रखने से साफ मना कर दिया।
अन्य विधायकों की राय अलग
जिले में कांग्रेस के तीन अन्य विधायक भी हैं। ये तीनों विधायकों को पुलिस अधीक्षक के व्यवहार और कार्यशैली से कोई शिकायत नहीं है। विधायक टोडाभीम के आरोपों के बाद पत्रिका ने अन्य विधायकों और क्षेत्रीय सांसद से भी एसपी पर लगाएजा रहे आरोपों के सन्दर्भ में बातचीत की।
लाखन सिंह मीणा, विधायक करौली
भरोसी जाटव, विधायक हिण्डौन