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दस कक्षाओं पर दो शिक्षक, दसवीं का परिणाम शून्य

locationकरौलीPublished: Jun 06, 2019 09:59:38 pm

Submitted by:

vinod sharma

Two teachers on the ten classes, the result of tenth zero

Two teachers on the ten classes, the result of tenth zero

दस कक्षाओं पर दो शिक्षक, दसवीं का परिणाम शून्य

करौली. जिले के मण्डरायल उपखण्ड मुख्यालय के संस्कृत स्कूल में दस कक्षाओं पर मात्र दो ही शिक्षक नियुक्त है। इस स्थिति में पढ़ाई व्यवस्था चरमराने का नतीजा यह सामने आया कि प्रवेशिका (दसवीं) के सभी विद्यार्थी फेल हुए है। इससे संस्कृत शिक्षा विभाग की व्यवस्थाओं की पोल भी खुल गई है।
संस्कृत स्कूल मण्डरायल में कक्षा एक से दस तक संचालित है। वहां पर पढ़ाने के लिए मात्र एक शिक्षक काफी वर्षो से है। लेकिन परीक्षाओं से तीन माह पहले एक अध्यापिका का पदस्थापन किया गया। दो शिक्षक दस कक्षाओं को पढ़ाते थे। ऐसे में पढ़ाई का हाल चौपट हुआ। इस कारण परीक्षा परिणाम शून्य रहा है।
इस स्कूल में प्रवेशिका (दसवीं) की परीक्षा में छह विद्यार्थी नामांकित थे। इनमें से पांच विद्यार्थियों ने परीक्षा दी, जिनमें से सभी पांचों विद्यार्थी फेल हो गए।
संकुल का भार भी है स्कूल पर
मण्डरायल का यह स्कूल क्षेत्र का संकुल कन्द्र है, जो ब्लॉक शिक्षा अधिकारी की तरह काम करता है। इसके अधीन लांगरा, भांकरी व दरगवां के स्कूल भी आते हैं। जिनकी मॉनिटरिंग, डाक व अन्य कार्य भी मण्डरायल स्कूल के संस्था प्रधान को करने पड़ते है। विभाग के नियमों के अनुसार सप्ताह में दो दिन दूसरे स्कूलों की व्यवस्थाएं संभालनी पड़ती है। इसके पीछे से उनके स्कूल की व्यवस्थाएं बाधित हो जाती है। पढ़ाई ठप होने से स्कूल के विद्यार्थी भी गायब हो जाते है। इस बारे में संस्कृत शिक्षा के अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया। अधिकारियों ने रिक्त पदों पर अध्यापकों की नियुक्ति नहीं की।
अधिशेष शिक्षकों से हो सकती थी व्यवस्था
मण्डरायल के संस्कृत स्कूल में रिक्त पदों पर व्यवस्था के तौर पर करौली व हजारीपुरा संस्कृत स्कूल के शिक्षकों को लगाया जा सकता था। करौली में आवंटित पदों के मुकाबले तीन शिक्षक अधिशेष है। तृतीय श्रेणी के पांच पदों के मुकाबले आठ शिक्षक है। तीन अधिशेष शिक्षकों को मण्डरायल में लगाकार व्यवस्था में सुधार हो सकता था। करौली के स्कूल में कुल १८ शिक्षक कार्यरत है। इसी प्रकार हजारीपुरा के स्कूल में आठ शिक्षक है, जिनमें से किसी शिक्षक को मण्डरायल भेजा सकता है। लेकिन शिक्षा अधिकारियों ने ऐसे नहीं किया।
जांच कराएंगे
सभी विद्यार्थियों के फेल होना गम्भीर मामला है। इसकी जांच कराई जाएगी। मण्डरायल के स्कूल में शिक्षकों की व्यवस्था भी की जाएगी।
डॉ. महेन्द्र कुमार संभाग अधिकारी संस्कृत शिक्षा भरतपुर
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