करीब ढाई बजे एडीजे रेखा यादव अचानक अस्पताल पहुंच गई। उन्होंने प्रसूति वार्डों के अलावा प्रसव कक्ष और शौचालयों का निरीक्षण किया। इस दौरान शौचालयों में गंदगी का अम्बार देख एडीजे चौंक गई। शौचालयों के टूटे हुए किवाड़ और गंदगी से उठती दुर्गन्ध से वे खासी नाराज दिखी। वार्ड में जिन पलंगों पर प्रसूता व नवजात लेटे हुए थे उनमें से अधिकांश पर बैडशीट नहीं मिली।
इसके बाद पीएमओ कक्ष में एडीजे ने जननी सुरक्षा योजना व हर माह होने वाले प्रसव के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि गंदगी में चिकित्सालय में भर्ती प्रसूता और नवजात को संक्रमण का खतरा रहता है। इसलिए सफाई व्यवस्था में कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। हाईकोर्ट इसको लेकर सख्त है, निरीक्षण में मिली खामियों की रिपोर्ट तैयार कर भेजी जाएगी।
शाम को कलक्टर पहुंचे अस्पताल-
जिला कलक्टर नन्नूमल पहाडिया शाम करीब साढ़े पांच बजे राजकीय चिकित्सालय पहुंचे। उन्होंने भी अस्पताल में सफाई समेत अन्य इंतजामों को लेकर पीएमओ डॉ. नमोनारायण मीणा से चर्चा की। इस दौरान एसडीओ सुरेश कुमार बुनकर, विकास अधिकारी लखनसिंह कुंतल आदि मौजूद थे।