इससे पहले सुबह आरएसआरडीसी (राजस्थान स्टेट रोड डवलपमेंट कार्पोरेशन) के सहायक अभियंता सियाराम चंद्रावत करौली पहुंचे। उन्होंने जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनेश गुप्ता, पटवारी विष्णु सोनी एवं विजेंद्र सिंह के साथ मंडरायल रोड सहित विभिन्न स्थानों पर मेडिकल कॉलेज के लिए भूमियों का मौका देखा।
सूत्रों ने बताया कि सहायक अभियंता ने पुलिस लाइन के सामने, ससेड़ी मोड़, डूंडापुरा मोड़, रीको एवं बीजलपुर क्षेत्र में कॉलेज के लिए भूमि देखने के बाद कलक्टर से मुलाकात करके उनको विभिन्न स्थानों के बारे में अवगत कराया। इसके बाद शाम को जिला कलक्टर नन्नूमल पहाडिया भी अधिकारियों के साथ भूमियों का अवलोकन करने पहुंचे। सूत्रों के अनुसार मेडिकल कॉलेज के लिए करीब 50 बीघा भूमि की आवश्यकता होगी। उसी के अनुरूप अधिकारियों द्वारा भूमि देखी जा रही है।
सहायक अभियंता सियाराम चंद्रावत ने बताया कि करौली में मेडिकल कॉलेज के लिए उपयुक्त भूमि की तलाश की जा रही है। चार-पांच स्थानों पर भूमि का अवलोकन किया गया है जिसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को दी जाएगी।
गौरतलब है कि करीब तीन माह पहले चिकित्सालय प्रशासन ने करौली में मेडिकल कॉलेज की दरकार जताते हुए इस बारे में प्रस्ताव भी जिला प्रशासन को भेजे थे। वहीं खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीना करौली में मेडिकल कॉलेज के प्रयासों को लेकर कई बार जिक्र कर चुके हैं। अब अधिकारियों द्वारा भूमि की तलाश करने से मेडिकल कॉलेज की संभावना को बल मिला है।
…तो बढ़ेंगी चिकित्सा सुविधाएं
वर्तमान में करौली जिला चिकित्सालय में 225 पलंग स्वीकृत हैं, यदि मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति होती है तो चिकित्सालय 300 पलंगों का होगा। साथ ही चिकित्सा सुविधाओं में भी विस्तार होगा, जिससे आमजन को राहत मिलेगी। मेडिकल कॉलेज होने की स्थिति में प्रोफेसर चिकित्सकों के साथ हर फेकल्टी के चिकित्सकों की संख्या में इजाफा हो जाएगा, जिससे रोगियों को रेफर होने की समस्या से राहत मिलेगी।