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वीडियोग्राफी की व्यवस्था ने छुड़ाए अधिकारियों के पसीने

locationकरौलीPublished: Mar 08, 2019 11:45:53 am

Submitted by:

Dinesh sharma

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वीडियोग्राफी की व्यवस्था ने छुड़ाए अधिकारियों के पसीने

करौली. बोर्ड परीक्षाओं में वीडियोग्राफी की राशि के भुगतान में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा की गई कटौती ने इस बार वीडियोग्राफी की व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पसीने छुड़ा दिए।
गत वर्षों में नियमों का हवाला देकर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से वीडियोग्राफी के ठेकेदारों के राशि में लाखों रुपए की कटौती कर डाली, जिसके चलते इस बार वीडियोग्राफी के लिए किसी ने निविदा ही नहीं डाली। जबकि दूसरी ओर परीक्षा सिर पर आ गई। 12 वीं बोर्ड की परीक्षा शुरू से महज एक दिन पहले यानि बुधवार देर रात तक जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारी उलझन में फंसे रहे। अन्तत: गुरुवार को वीडियोग्राफी के लिए एक फर्म को राजी किया गया। सूत्रों के अनुसार पहले दिन जिले के 88 परीक्षा केन्द्रों में से महज तीन केन्द्रों पर ही वीडियोग्राफी हो सकी।
दावों की हकीकत
बोर्ड परीक्षाओं में सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने और बेहतर तरीके से परीक्षाएं सम्पन्न कराने के दावों की शिक्षा विभाग की हकीकत भी सामने आई। सूत्रों के अनुसार परीक्षा में वीडियोग्राफी के लिए विभाग ने ऑनलाइन निविदाएं आमंत्रित की थी, जिसकी अन्तिम तिथि एक मार्च थी। जब एक मार्च को ऑनलाइन पोर्टल पर टेण्डरों को देखा गया तो एक भी निविदा नहीं पाकर शिक्षा अधिकारी चकराए।
हालांकि शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि इस बारे में लगातार माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को अवगत कराया जाता रहा, लेकिन परीक्षा के एक दिन पहले तक कोई व्यवस्था नहीं हुई।

देर रात तक चला मंथन
यह मामला जिला कलक्टर तक भी पहुंचा। इस पर बुधवार देर रात तक कलक्ट्रेट में व्यवस्था को लेकर प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के बीच मंथन चलता रहा। अन्तत: एक फर्म को इस कार्य के लिए तैयार किया गया। जैसे-तैसे एक फर्म मालिक को संतुष्ट कर उसे काम सौंपा गया है। अब शुक्रवार से सभी केन्द्रों पर वीडियोग्राफी हो सकेगी।
पूर्व में भुगतान में कटौती की रही वजह
शिक्षा विभाग के सूत्र बताते हैं कि वर्ष 2017 और 2018 में बोर्ड परीक्षाओं में वीडियोग्राफी के जो टेण्डर हुए, उनका भुगतान नियमों के चलते बोर्ड ने काट लिया। सूत्र बताते हैं कि प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर कम से कम दो घण्टे की वीडियोग्राफी होनी चाहिए।
सूत्रों के अनुसार गत वर्ष 2018 में वीडियोग्राफी का कुल भुगतान 14 लाख रुपए हुआ था, लेकिन माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने इस राशि में से चार लाख की राशि नियमानुसार दो घण्टे की वीडियोग्राफी नहीं होने पर कटौती कर डाली। इतना ही नहीं संबंधित फर्म पर पैनल्टी बतौर लगभग चार लाख रुपए और काट डाले। यानि कुल 14 लाख में से करीब 8 लाख की राशि कट गई। इससे पहले वर्ष 2017 में करीब 12-13 लाख का भुगतान वीडियोग्राफी का बना था, जिसमें से भी लाखों की राशि कट गई थी। इसके चलते वीडियोग्राफी फर्मों ने इस बार हाथ खड़े कर दिए और निविदा ही नहीं डाली।
फर्म को वीडियोग्राफी का काम दे दिया है
निर्धारित तिथि तक वीडियोग्राफी के लिए किसी भी फर्म ने ऑनलाइन टेण्डर नहीं डाले। बोर्ड को भी इस बारे में अवगत कराया गया। सामने आया कि गत वर्षों में राशि कटौती के कारण किसी ने निविदा नहीं डाली। जिला प्रशासन के अधिकारियों से वार्ता कर अब एक फर्म को वीडियोग्राफी का काम दिया गया है। गुरुवार को कुछेक केन्द्रों पर ही वीडियोग्राफी हो सकी। शुक्रवार से सभी केन्द्रों पर नियमित रूप से वीडियोग्राफी शुरू हो जाएगी।
चन्द्रकेश सिंहल, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी(मा.) करौली

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