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करौली

सेवानिवृति के परिलाभों का इंतजार, आखिर कब सुनेगी सरकार

Waiting for retirement benefits, when will the government listenसाढ़े चार वर्ष से भटक रहे सेवानिवृत रोडवेज कर्मचारी

करौलीFeb 27, 2021 / 09:48 am

Anil dattatrey

सेवानिवृति के परिलाभों का इंतजार, आखिर कब सुनेगी सरकार

सेवानिवृति के परिलाभों का इंतजार, आखिर कब सुनेगी सरकार

हिण्डौनसिटी.
राजस्थान परिवहन निगम में लम्बे अरसे तक नौकरी के बाद सेवानिवृत हुए रोडवेज कर्मियों को वर्षों बाद भी परिलाभों का भुगतान नहीं मिला है। रोडवेज से सेवानिवृत हुए वरिष्ठजनों को अपने हक के रुपयों के लिए रोडवेज डिपो के दफ्तर में चक्कर काटने पड़ रहे हैं। जिले के करौली व हिण्डौन डिपो में भुगतान की बाट जोहने वाले कर्मचारियों का आंकड़ा सौ करीब पहुंच गया है। कई सेवानिवृत कर्मचारी तो भुगतान के बाट जोहते दुनिया से ही चल बसे हैं।
राजकीय सेवा से सेवानिवृति पर आम तौर पर कुछ माह बाद ही संबंधित विभाग से परिलाभों की जमा हुई राशि का भुगतान मिल जाता है। लेकिन रोडवेज में चार वर्ष पहले सेवानिवृत हुए विभिन्न संवर्गों के कर्मचारियों को इस राशि का भुगतान नहीं मिला है। हिण्डौन व करौली डिपो से अगस्त 2016 के बाद सेवानिवृत हुए कर्मचारियों को उपादान राशि (ग्रेच्युटी) व अन्य परिलाभों का अभी तक इंतजार है। आरएसआरटीसी रिटायर्ड एम्प्लाइज एसोसिएशन की स्थानी शाखा के पदाधिकारियों का कहना है कि परिलाभ के बकाया होने की समस्या प्रदेश भर में हैं। चार वर्ष में रोडवेज के सेवानिवृति हुए करीब 4200 कर्मचारी उपार्जित अवकाश, वेतनमान निर्धारण, राजपत्रित अवकाश, ग्रेच्युटी, ओवर टाइम के भुगतान को तरस रहे हैं। हिण्डौन व करौली डिपो से 87 सेवानिवृत कर्मचारी ऐसे हैं, जिनका 12 से 15 लाख रुपए का भुगतान बकाया है।
इनके बकाया हैं परिलाभ
जानकारी के अनुसार हिण्डौन व करौली डिपो से अगस्त 2016 से जनवरी 2021 तक 87 कर्मचारी सेवानिवृत हुए हैं। इनमें लिपिकीय कर्मी 9, चालक 24, परिचालक 39 व कार्यशाला मैकेनिक 15 शामिल हैं। आएसआरटीसी रिटायर्ड एम्प्लाइज एसोसिएशन के शाखा सचिव पूरण शर्मा ने बताया कि सेवानिवृतकर्मियों को सीपीएफ योजना पेंशन मिल रही हैं। लेकिन 5 वें व 6 वें वेतनमान सहित ग्रेच्यूटी, उपार्जित अवकाश व अन्य लाभ अभी बकाया हैं।
भुगतान की बाट में दुनिया से चल बसे-
एसोसिएशन के सचिव ने बताया कि बकाया राशि के भुगतान की बाट जोहते हुए कई कर्मचारी दुनिया से चल बसे। बाद में ऐसे कार्मिकों के परिजनों को राशि सुपुर्द की गई। हिण्डौन डिपो से वर्ष 2015 में सेवानिवृत हुआ एक मैकेनिक का 2019 में निधन हो गया। लेकिन ओवर टाइम, रात्रि ठहराव व राजपत्रित अवकाश का भुगतान बकाया है। इसके अलावा एक चालक व परिचालक का भी परिलाभ के भुगतान के इंतजार में देहांत हो गया। ऐसे में मृतकों के परिजन भी शेष रहे बकाया के लिए चक्कर काट रहे हैं।

दो दशक से नहीं मिला अधिश्रम भत्ता-
एसोसिएशन के सचिव पूरण शर्मा ने बताया कि ड्यूटी के अतिरिक्त समय बस संचालन करने पर रोडवेज में ओवर टाइम(अधिश्रम) भत्ता दिया जाता है। चालक और परिचालकों को वर्ष 1998 से 2020 तक का अधिश्रम व 1997 से 2005 तक का रात्रि ड्यूटी भत्ते का भुगतान नहीं हुआ है।
नहीं सुन रही सरकार
सेवानिवृत्त कर्मचारी परिलाभों की बकाया राशि के भुगतान को तरस रहे हैं। न सरकार सुन रही और ना ही रोडवेज प्रशासन। इसके लिए 3 मार्च को हिण्डौन में संभाग स्तरीय अधिवेशन बुलाया है। आगे 9 मार्च को जयपुर में प्रदेश स्तरीय रैली की जाएगी। हक के रुपयों के लिए सेवानिवृतों द्वारा धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है।
रूपसिंह धाकड़, अध्यक्ष
आरएसआरटीसी रोडवेज रिटायर्ड एम्प्लाइज एसोसिएशन,हिण्डौन
इनका कहना है-
जुलाई 2016 तक सेवानिवृत्त कर्मचारियों का बकाया भुगतान हो चुका है। इसके बाद के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के भुगतान के मामले में मुख्यालय को लिखा हुआ है। जैसे ही बजट आएगा, भुगतान दे दिया जाएगा। वहीं मृतक आश्रितों को जून 2018 तक का भुगतान कर दिया है।
शशि गुप्ता, प्रबंधक(वित्त )
रोडवेज आगार, हिण्डौनसिटी.

फैक्ट फाइल
वर्ष सेवानिवृत रोडवेजकर्मी
2016– 05 (सितम्बर माह से)
2017 —18
2018— 17
2019— 21
2020 —19
2021—- 07 (जनवरी माह तक)

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