जानकारी के अनुसार हिण्डौन व करौली डिपो से अगस्त 2016 से जनवरी 2021 तक 87 कर्मचारी सेवानिवृत हुए हैं। इनमें लिपिकीय कर्मी 9, चालक 24, परिचालक 39 व कार्यशाला मैकेनिक 15 शामिल हैं। आएसआरटीसी रिटायर्ड एम्प्लाइज एसोसिएशन के शाखा सचिव पूरण शर्मा ने बताया कि सेवानिवृतकर्मियों को सीपीएफ योजना पेंशन मिल रही हैं। लेकिन 5 वें व 6 वें वेतनमान सहित ग्रेच्यूटी, उपार्जित अवकाश व अन्य लाभ अभी बकाया हैं।
एसोसिएशन के सचिव ने बताया कि बकाया राशि के भुगतान की बाट जोहते हुए कई कर्मचारी दुनिया से चल बसे। बाद में ऐसे कार्मिकों के परिजनों को राशि सुपुर्द की गई। हिण्डौन डिपो से वर्ष 2015 में सेवानिवृत हुआ एक मैकेनिक का 2019 में निधन हो गया। लेकिन ओवर टाइम, रात्रि ठहराव व राजपत्रित अवकाश का भुगतान बकाया है। इसके अलावा एक चालक व परिचालक का भी परिलाभ के भुगतान के इंतजार में देहांत हो गया। ऐसे में मृतकों के परिजन भी शेष रहे बकाया के लिए चक्कर काट रहे हैं।
दो दशक से नहीं मिला अधिश्रम भत्ता-
एसोसिएशन के सचिव पूरण शर्मा ने बताया कि ड्यूटी के अतिरिक्त समय बस संचालन करने पर रोडवेज में ओवर टाइम(अधिश्रम) भत्ता दिया जाता है। चालक और परिचालकों को वर्ष 1998 से 2020 तक का अधिश्रम व 1997 से 2005 तक का रात्रि ड्यूटी भत्ते का भुगतान नहीं हुआ है।
सेवानिवृत्त कर्मचारी परिलाभों की बकाया राशि के भुगतान को तरस रहे हैं। न सरकार सुन रही और ना ही रोडवेज प्रशासन। इसके लिए 3 मार्च को हिण्डौन में संभाग स्तरीय अधिवेशन बुलाया है। आगे 9 मार्च को जयपुर में प्रदेश स्तरीय रैली की जाएगी। हक के रुपयों के लिए सेवानिवृतों द्वारा धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है।
रूपसिंह धाकड़, अध्यक्ष
आरएसआरटीसी रोडवेज रिटायर्ड एम्प्लाइज एसोसिएशन,हिण्डौन
जुलाई 2016 तक सेवानिवृत्त कर्मचारियों का बकाया भुगतान हो चुका है। इसके बाद के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के भुगतान के मामले में मुख्यालय को लिखा हुआ है। जैसे ही बजट आएगा, भुगतान दे दिया जाएगा। वहीं मृतक आश्रितों को जून 2018 तक का भुगतान कर दिया है।
शशि गुप्ता, प्रबंधक(वित्त )
रोडवेज आगार, हिण्डौनसिटी.
फैक्ट फाइल
वर्ष सेवानिवृत रोडवेजकर्मी
2016– 05 (सितम्बर माह से)
2017 —18
2018— 17
2019— 21
2020 —19
2021—- 07 (जनवरी माह तक)