कोटा से चलकर करौली की चम्बल में आया पानी
कोटा से चलकर करौली की चम्बल में आया पानी
चम्बल अभी खतरे से दूर लेकिन प्रशासन हुआ सर्तक
करौली. कोटा से बहते हुए जिले के मण्डरायल इलाके में आने वाली चम्बल नदी इन दिनों उफान पर है। कोटा बैराज के गेट खोलकर पानी की निकासी किए जाने के बाद मण्डरायल के समीप बह रही चम्बल नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है।
करौली
Published: July 27, 2022 10:57:06 am
कोटा से चलकर करौली की चम्बल में आया पानी
चम्बल अभी खतरे से दूर लेकिन प्रशासन हुआ सर्तक
करौली. कोटा से बहते हुए जिले के मण्डरायल इलाके में आने वाली चम्बल नदी इन दिनों उफान पर है। कोटा बैराज के गेट खोलकर पानी की निकासी किए जाने के बाद मण्डरायल के समीप बह रही चम्बल नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है।
नदी में हो रही पानी की लगातार आवक के मद्देनजर अलर्ट भी जारी किया गया है। हालांकि फिलहाल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से काफी नीचे हैं। नदी में पानी की आवक बढऩे के बाद प्रशासन भी सतर्क हुआ है। मण्डरायल उपजिला कलक्टर प्रदीप चौमाल, तहसीलदार महेंद्र गुप्ता और एसडीआरएफ की टीम ने चंबल के राजघाट सहित निचले इलाकों का दौरा किया।
साथ ही चंबल नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण चंबल किनारे रहने वाले लोगों से नदी में नहीं जाने, किनारे से दूर रहने की अपील की है। जल संसाधन विभाग के अनुसार चंबल नदी का जलस्तर मंगलवार शाम 155.20 मीटर पर पहुंच गया है। नदी का चेतावनी लेवल 164 मीटर पर है, जबकि खतरे का लेबल 165 मीटर पर है। ऐसे में फिलहाल नदी का जलस्तर खतरे से काफी दूर है, लेकिन यदि नदी में पानी की और आवक होती है तो जलस्तर भी बढ़ेगा।
ऐसे में प्रशासन भी सतर्कता बरते हुए है। गौरतलब है कि चंबल का जलस्तर बढऩे से नदी किनारे बसे करीब एक दर्जन गांव प्रभावित होते हैं। जहां चम्बल नदी का पानी घुसने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। पिछले वर्षों में जलस्तर बढऩे पर ग्रामीणों के समक्ष यह परेशानी आ चुकी है।
स्टीमर का रुका संचालन, यात्री हुए परेशान
चंबल नदी में पानी की आवक बढऩे तथा स्टीमर में आई तकनीकी खराबी से उसका संचालन बंद रहा। इससे राजस्थान से मध्यप्रदेश और मध्यप्रदेश से राजस्थान की ओर आने-जाने वाले यात्रियों को परेशानी हुई। उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा।

कोटा से चलकर करौली की चम्बल में आया पानी
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