कृषि विभाग के अनुसार जिले में रवी फसल में सर्वाधिक गेहूं की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है। 80 हजार हैक्टेयर में गेंहूं बुवाई का लक्ष्य करने के साथ जौ का लक्ष्य एक हजार हैक्टेयर में रखा गया है। जबकि आठ हजार हैक्टेयर में चना बुवाई का लक्ष्य तय किया है।
इसी प्रकार तिलहन फसलों में सरसो की बुवाई का लक्ष्य 75 हजार हैक्टेयर तय किया है, तो तारामीरा की बुवाई का लक्ष्य एक हजार हैक्टेयर निर्धारित किया है। जबकि विभाग ने अन्य फसलों की बुवाई का लक्ष्य दो हजार हैक्टेयर में तय किया है। इस प्रकार कुल 1 लाख 67 हजार हैक्टेयर में इस वर्ष रवि की बुवाई तय की गई है।
पानी का टोटा बिगाड़ सकता है गणित
कृषि विभाग ने रवी फसल की बुवाई का लक्ष्य तो निर्धारित कर लिया है, लेकिन इस बार जिले में कम बारिश का असर फसल पर भारी पड़ सकता है। इसका कारण यह है कि जल संसाधन विभाग के कुल 13 बांधों में से एकाध को छोड़कर अधिकांश रीते पड़े हैं।
कृषि विभाग ने रवी फसल की बुवाई का लक्ष्य तो निर्धारित कर लिया है, लेकिन इस बार जिले में कम बारिश का असर फसल पर भारी पड़ सकता है। इसका कारण यह है कि जल संसाधन विभाग के कुल 13 बांधों में से एकाध को छोड़कर अधिकांश रीते पड़े हैं।
केवल सपोटरा के कालीसिल बांध में पर्याप्त पानी है, जबकि हिण्डौन के प्रमुख जगर बांध , मण्डरायल के नींदर बांध और कैलादेवी मार्ग स्थित मामचारी बांधों के अलावा बांधवा, बैरुण्डा, विशनसमंद, न्यूटैंक महस्वा, फतेहसागर, भूमेन्द्र सागर, खिरखिड़ा बांध कम बारिश के कारण पानी को तरसते ही रह गए।
फसल का रकबा तय
रवी फसल की बुवाई का रकबा तय कर उच्चाधिकारियों को सूचना प्रेषित कर दी गई है। फसलवार रकबा तय किया है। इसी के साथ जिले में बुवाई भी शुरू हो गई। हालांकि अभी सरसों की बुवाई की जा रही है।
चेतराम मीना, कृषि अधिकारी, करौली
रवी फसल की बुवाई का रकबा तय कर उच्चाधिकारियों को सूचना प्रेषित कर दी गई है। फसलवार रकबा तय किया है। इसी के साथ जिले में बुवाई भी शुरू हो गई। हालांकि अभी सरसों की बुवाई की जा रही है।
चेतराम मीना, कृषि अधिकारी, करौली