मंगलवार सुबह करीब नौ बजे जल संकट झेल रहे इलाके के लोगों को गुस्सा फूट पड़ा और करीब 200 महिलाएं अपने बच्चों के साथ टंकी पर चढ़ गई। जिससे प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। सूचना मिलने पर जलदाय विभाग के अभियंता व पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मौके पर दौड़ पड़े।
तथा टंकी पर चढ़ी महिलाओं व वहां मौजूद जनप्रतिनिधि व आम नागरिकों से समझाइश करने लगे। लेकिन गुस्साई महिलाओं ने उन्हें खरी-खोटी सुना डाली। अधिकारी उनके सामने गिडगिडाने लगे, तो चार घंटे बाद दोपहर करीब एक बजे महिलाएं नीचे उतरीं।
पांच वर्ष से सूखी पड़ी है टंकी, शुरु नहीं हो पाई नलों से जलापूर्ति
कई दशकों से बाट जोह रहे वर्धमान नगर क्षेत्र के लोगों को करीब नौ वर्ष पहले स्वीकृत हुई शहरी पुनर्गठित जल योजना से घर-घर नलों से पानी मिलने में उम्मीद जगी थी। शहर में अन्य स्थानों पर शुरुआती दौर मे ही टंकियां बन गई और जलापूर्ति भी शुरू हो गई। लेकिन वर्धमान नगर क्षेत्र में घनी आबादी के बीच सरकारी भूमि उपलब्ध नहीं होने से कई वर्ष तक टंकी निर्माण ही नहीं हो पाया था।
कई दशकों से बाट जोह रहे वर्धमान नगर क्षेत्र के लोगों को करीब नौ वर्ष पहले स्वीकृत हुई शहरी पुनर्गठित जल योजना से घर-घर नलों से पानी मिलने में उम्मीद जगी थी। शहर में अन्य स्थानों पर शुरुआती दौर मे ही टंकियां बन गई और जलापूर्ति भी शुरू हो गई। लेकिन वर्धमान नगर क्षेत्र में घनी आबादी के बीच सरकारी भूमि उपलब्ध नहीं होने से कई वर्ष तक टंकी निर्माण ही नहीं हो पाया था।
ऐसे में क्षेत्र के लोगों ने खुद आगे आकर एक समिति बना घर-घर से स्वैच्छिक चंदा(सहयोग राशि) एकत्र कर वर्ष 2016 में करीब साढ़े 11 लाख रुपए में एक भूखण्ड खण्ड खरीद कर नगरपरिषद को सुपुर्द किया था। जिस पर टंकी निर्माण होने के बाद क्षेत्रवासियों को पीने का पानी मिल सके। लेकिन निर्माण पूरा होने के पांच वर्ष बाद भी टंकी सूखी पड़ी है।
वार्ड संख्या एक के पार्षद हरभान सिंह, वर्धमान नगर निवासी डॉ. विमल चंद जैन, पार्षद सत्यनारायण पाराशर, शिवदाल पाराशर, खेमसिंह चौधरी, कैलाश चंद ने बताया कि प्रशासन एवं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों से दर्जनों बार गुहार करने के बाद महज आश्वासन ही मिल रहे हैं। इस दौरान राधेश्याम शर्मा, नाहर सिंह, दामोदार गुप्ता, धर्मेन्द्र कुमार, सूबेदार मेजर फतेहसिंह सहित वार्ड एक से छह के महिला पुरुष मौजूद रहे।
800 किलोलीटर जलभराव क्षमता की है टंकी-
लोगों ने बताया कि जनसहयोग से मिली जमीन पर कुछ माह बाद ही शहरी पुनर्गठित जल योजना की टंकी का निर्माण शुरू हो गया था। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से 800 किलोलीटर जलभराव क्षमता की टंकी का निर्माण कराया गया। टंकी बनने पर लोगों को एकाध माह में नलों से घरों तक पानी पहुंचने की आस अब पांच वर्ष बाद भी अधूरी है।
लोगों ने बताया कि जनसहयोग से मिली जमीन पर कुछ माह बाद ही शहरी पुनर्गठित जल योजना की टंकी का निर्माण शुरू हो गया था। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से 800 किलोलीटर जलभराव क्षमता की टंकी का निर्माण कराया गया। टंकी बनने पर लोगों को एकाध माह में नलों से घरों तक पानी पहुंचने की आस अब पांच वर्ष बाद भी अधूरी है।
सूख गए निजी नलकूप, टेंकरों से खरीद रहे पानी -
नगर परिषद क्षेत्र में वर्धमान नगर इलाके में सबसे ज्यादा नलकूप खुदे हुए हैं। इलाके के बाशिंदों का कहना है कि जल योजना के अभाव में मजबूरी में नलकूप लगाए गए। लेकिन लगातार गिरते भूजल स्तर के कारण निजी नलकूप भी सूखने लगे हें। लोगों ने बताया कि करीब 200 फीट की गहराई के नलकूप भी इन दिनों पानी नहीं दे रहे।
नगर परिषद क्षेत्र में वर्धमान नगर इलाके में सबसे ज्यादा नलकूप खुदे हुए हैं। इलाके के बाशिंदों का कहना है कि जल योजना के अभाव में मजबूरी में नलकूप लगाए गए। लेकिन लगातार गिरते भूजल स्तर के कारण निजी नलकूप भी सूखने लगे हें। लोगों ने बताया कि करीब 200 फीट की गहराई के नलकूप भी इन दिनों पानी नहीं दे रहे।
नलकूपों नहीं जोड़ पाए पाइप लाइन
शहरी पुनर्गठित जल योजना में निर्मित हुई वर्धमान नगर की टंकी में पानी लाने के लिए महूं गांव में गंभीर नदी के किनारे पांच नलकूप खोदे गए। अमृत जल योजना के तहत पाइप लाइन डालने का काम भी कराया गया। लेकिन महू वासियों के विरोध के कारण पाइप लाइन का जुड़ाव नहीं हो पाया है। ऐसे में करीब दो वर्ष से टंकी में जलभराव के लिए पाइप लाइन जोडऩे का कार्य अधूरा पड़ा है। क्यारदा बांध पर स्कॉडा सेंटर पास दो नलकूपों को शुरू का टंकी भराव के लिए वैकल्पिक व्यवस्था तय की गई। वह भी आगे नहीं बढ़ सकी।
शहरी पुनर्गठित जल योजना में निर्मित हुई वर्धमान नगर की टंकी में पानी लाने के लिए महूं गांव में गंभीर नदी के किनारे पांच नलकूप खोदे गए। अमृत जल योजना के तहत पाइप लाइन डालने का काम भी कराया गया। लेकिन महू वासियों के विरोध के कारण पाइप लाइन का जुड़ाव नहीं हो पाया है। ऐसे में करीब दो वर्ष से टंकी में जलभराव के लिए पाइप लाइन जोडऩे का कार्य अधूरा पड़ा है। क्यारदा बांध पर स्कॉडा सेंटर पास दो नलकूपों को शुरू का टंकी भराव के लिए वैकल्पिक व्यवस्था तय की गई। वह भी आगे नहीं बढ़ सकी।
इनका कहना है
ग्रामीणों के विरोध के चलते पाइप लाइन का काम बीच में अटक गया था। नलकूपों से पाइप लाइन जोड़ जल्द ही जलापूर्ति करने के प्रयास किए जाएंगे।
-भगवान सहाय मीणा, सहायक अभियंता
जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, हिण्डौन सिटी.
ग्रामीणों के विरोध के चलते पाइप लाइन का काम बीच में अटक गया था। नलकूपों से पाइप लाइन जोड़ जल्द ही जलापूर्ति करने के प्रयास किए जाएंगे।
-भगवान सहाय मीणा, सहायक अभियंता
जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, हिण्डौन सिटी.