विपक्ष के विरोध के बाद भी पारित हुआ था विधेयक
हरियाणा सरकार ने विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन यह संशोधन विधेयक विपक्षी कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल के सदस्यों के भारी विरोध के बीच बहुमत से पारित करवाया था। सदन में विपक्ष के विरोध पर वित्त मंत्री कैप्टेन अभिमन्यु ने सवाल किया था कि विधेयक का कौन सा प्रावधान अरावली क्षेत्र के पर्यावरण को नुकसान पहुंचायेगा। विपक्ष के सदस्यों की दलील थी कि इस संशोधन से हरियाणा के गुरूग्राम और फरीदाबाद के अरावली क्षेत्र के वनों के सफाये का रास्ता खुल जाएगी। इससे पर्यावरण की क्षति होगी।
विधानसभा में संशोधन विधेयक पारित होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार से जवाब तलब करते हुए इसके प्रभावी होने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने मंगलवार को यहां राज्यपाल को ज्ञापन सौपकर संशोधन विधेयक को नामंजूर करने की मांग की। राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के बाद पत्रकारों से बातचीत में हुड्डा ने आरोप लगाया कि यह संशोधन विधेयक स्वयं में हजारों करोड का घोटाला है। हुड्डा से पहले हिसार से सांसद दुष्यंत चौटाला ने आरोप लगाया था कि एक केनद्रीय मंत्री और हरियाणा सरकार के दो मंत्रियों के हित इस संशोधन विधेयक से जुडे हुए है।