scriptहरियाणा में भाजपा का सुशासन नहीं कुशासन:हुड्डा | BJP's good governance is not good governance in Haryana: Hooda | Patrika News

हरियाणा में भाजपा का सुशासन नहीं कुशासन:हुड्डा

locationकरनालPublished: Feb 12, 2020 07:37:35 pm

प्री-बजट चर्चा के नाम जनता को गुमराह कर रही सरकारप्रदेश की अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र पेश करे सरकार

हरियाणा में भाजपा का सुशासन नहीं कुशासन:हुड्डा

हरियाणा में भाजपा का सुशासन नहीं कुशासन:हुड्डा

चंडीगढ़. हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भाजपा सरकार के सुशासन के नारे को कुशासन करार देते हुए कहा है कि प्री-बजट चर्चा के नाम पर भी लोगों को गुमराह किया जा रहा है। प्रदेश का आर्थिक सर्वे अभी तक आया नहीं है। ऐसे में जब तक विधायकों को प्रदेश की वित्तीय स्थिति की ही जानकारी नहीं होगी तो वे बजट पर क्या सुझाव देंगे। अधिक से अधिक वे अपने हलकों के विकास कार्यों की मांग ही प्री-बजट चर्चा के दौरान रखेंगे।
बुधवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए हुड्डा ने कहा कि 2014 में जब उनकी सरकार ने बजट पेश किया था तो उस समय प्रदेश पर 61 हजार करोड़ रुपये का कर्जा था। यह कर्जा 1966 से लेकर 2014 तक का था। वहीं मौजूदा सरकार ने छह वर्षों में कर्ज को बढ़ाकर 1 लाख 81 हजार करोड़ रुपये कर दिया है। 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपये का कर्जा छह वर्षों की अवधि में प्रदेश पर बढ़ा है। हुड्डा ने कर्ज और प्रदेश की वित्तीय स्थिति पर श्वेत-पत्र जारी करने की मांग की है।
उन्होंने कहा, कांग्रेस सरकार में चार-चार नये पावर प्लांट स्थापित किए गए। नई यूनिवर्सिटी व मेडिकल कॉलेज बने। कई बड़े प्रोजेक्ट व संस्थान आए। भाजपा सरकार अपने कार्यकाल में इस तरह का एक भी प्रोजेक्ट प्रदेश को नहीं दे सकी। ऐसे में प्रदेश की जनता को बताना चाहिए कि 1 लाख 21 हजार करोड़ रुपये का कर्जा लेकर उसे खर्च कहां किया गया।
हुड्डा ने मनोहर सरकार का100 दिन के कार्यकाल का लेखा जोखा अपने आंकलन के अनुसार पेश करते हुए कहा कि 20 दिन तो गठबंधन सरकार ने महकमे बांटने में निकाल दिए। 15 दिन सीआईडी विवाद में निकल गए। 20 दिन सरकार ने दिल्ली विधानसभा के चुनाव में लगा दिए। 15-20 दिन सरकार ने प्री-बजट चर्चा के नाम पर निकाल दिए’। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के पास 100 दिनों में उपलब्धि के नाम पर बताने को कुछ नहीं है। 101 उपलब्धियों में सरकार ने विधायकों को 5-5 करोड़ की ग्रांट देने को अव्वल रखा है। हुड्डा ने दावा किया कि उन्होंने खुद इस बारे में रोहतक के एडीसी से पूछा तो उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से इस संदर्भ में कोई गाइड लाइन नहीं है।

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