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हरियाणा:सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढाने का अभियान छेडेगा स्कूल शिक्षा विभाग, गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

locationकरनालPublished: Apr 05, 2019 05:02:47 pm

Submitted by:

Prateek

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्रवेश की जिम्मेदारी स्कूल पर…
 

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(चंडीगढ,करनाल): हरियाणा में स्कूल शिक्षा विभाग ने इस बार सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या स्थिर रखने के बजाय छात्र संख्या बढाने का अभियान छेडा है। इसके लिए सरकारी स्कूल पहुंचने वाले छात्र और अभिभावकों का स्वागत किया जा रहा है। इस माह के अंत में इस अभियान की समीक्षा की जाएगी और छात्र संख्या बढने पर स्कूल की जरूरत के अनुसार अतिरिक्त कक्षा खोलने और शिक्षक नियुक्त करने के कदम उठाए जायेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त 1005 स्कूल बन्द कराए जाएंगे।

 

स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने शुक्रवार को यहां मीडिया से बातचीत में कहा कि अब तक स्कूल शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या स्थिर रखने के लिए काम करता था लेकिन इस बार छात्र संख्या बढाने के लिए काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्रवेश देने की जिम्मेदारी स्वयं स्कूलों की है। जहां तक सवाल स्कूल में इस अधिनियम के तहत पढने वाले छात्रों की एवज में सरकार द्वारा खर्च के भुगतान का है तो छात्रों के अध्ययन के बारे में ब्यौरा स्कूल को ही देना है। स्कूल को ही पता होता है कि किस छात्र ने कितने समय पढाई की है। उन्होंने कहा कि ऐसे छात्रों का ब्यौरा स्कूलों द्वारा इस माह के अन्त तक दिए जाने पर स्कूल को खर्च का भुगतान 31 मई तक कर दिया जाएगा।

 

दास ने कहा कि प्रदेश में 1005 गैर मान्यता प्राप्त स्कूल हैं और इन्हें जल्दी ही बन्द कराने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की धोखाधडी से बचने के लिए अभिभावकों को इन स्कूलों का मान्यता का प्रमाणपत्र देखना चाहिए। दास ने कहा कि स्कूलों में एजूसेट के तहत रखे गए चौकीदारों का भुगतान ऐरियर समेत जल्दी ही किया जाएगा। स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूली रोके जाने के बारे में दास ने कहा कि इसके लिए नियम 158 लागू है। स्कूलों को नया शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले ही फीस बढाने के बारे में फॉर्म भरकर स्कूल शिक्षा विभाग को देना होता है। मंजूरी पर ही स्कूल फीस बढा सकते है। स्कूलों द्वारा पाठ्य पुस्तकों का व्यापार रोकने के लिए एनसीईआरटी की पुस्तकें निर्धारित विक्रय केन्द्र से ही खरीदने की व्यवस्था की गई है।

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