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रोहतक में जातीय समीकरणों को साधकर ही मैदान मारने की फिराक में कांग्रेस और भाजपा

locationकरनालPublished: May 04, 2019 04:13:06 pm

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Prateek

गैर जाट वोटरों को रिझाकर फिर जीत का मार्जिन बढ़ाने की कोशिश में जुटी कांग्रेस…
 

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गणेश सिंह चौहान
(रोहतक,करनाल): नौ विधानसभा क्षेत्रों के कुल 16 लाख 38 हजार मतदाताओं वाली रोहतक लोकसभा सीट पर विकास से इतर जातीय समीकरणों की छाप दिन—ब—दिन अमिट होती जा रही है। हर बार की तरह प्रभावी भूमिका में तो जाट समुदाय ही माना जा रहा है क्योंकि सवा छह लाख वोटरों को देखते हुए सभी प्रमुख राजनीतिक दल कभी इसे जाट बाहुल्य सीट मानने से इनकार नहीं करते। अब तक भाजपा भी यहां जाट उम्मीदवार उतारती रही है।

 

पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह की होने वाली रैली इस सीट का महत्व बढ़ाया लेकिन जीत का स्वाद नहीं चख पाई। इस बार रणनीति बदलकर यहां विजयश्री हासिल करने के लिए गैर जाट उम्मीदवार करनाल वाले डॉ अरविंद शर्मा को प्रोजेक्ट किया गया है। हालांकि मूल रूप से अरविंद शर्मा झज्जर जिले के रहने वाले हैं लेकिन उन्होंने अपना राजनीतिक शिखर करनाल में ही छूआ है। यहां से वह दो बार सांसद रहे हैं। जाट वोटरों को आकर्षित करने में विफल रही भाजपा सारी गुणा—भाग गैर जाट वोटरों को साधने में ही कर रही है। अब तक हुड्डा की जीत में गैर जाटों का वोट मार्जिन बढ़ाने वाला साबित होता आया है लेकिन 2016 में प्रदेश में हुई आरक्षण हिंसा के बाद गैर जाट वोटर उनसे छिटक सा गया।


पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह की होने वाली रैली ने जहां इस सीट का महत्व और बढ़ा दिया है तो वहीं उसी दिन मोदी के मुकाबले कांग्रेस प्रत्याशी दीपेंद्र हुड्डा ने रैली करने की घोषणा कर मुकाबले में रोमांच पैदा कर दिया है।


राजनीतिक पंडितों का मानना है कि मतदान से ठीक दो दिन पहले यानी 10 मई को होने वाली प्रमुख दलों की इन रैलियों में खुलकर जातीय समीकरणों को साधा जाएगा। जातीय मुद्दों को ताजा किया जाएगा और उन्हें हवा देकर मैदान मारने की भरपूर कोशिश होगी।


70 हजार नए मतदाताओं को रिझाने पर जोर

इस बार करीब 70 हजार नए मतदाता शामिल हो गए हैं। ये नए मतदाता लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी की हार—जीत का फैसला करने में अहम भूमिका निभाने की रहेगी। राजनीतिक पार्टियों भी इन मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में कोई कसर नहीं छोड रही है।

वर्ष 2014 के चुनाव में रोहतक लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 15 लाख 67 हजार 508 थे जो अब 2019 के चुनाव में बढकर 16 लाख 37 हजार 334 हो चुके हैं। 69 हजार 914 मतदाताओं का इजाफा लोकसभा क्षेत्र में हो चुका है। रोहतक लोकसभा क्षेत्र में जिला रोहतक और झज्जर के चार—चार विधानसभा क्षेत्र तथा एक विधानसभा क्षेत्र रेवाड़ी जिला से आता है। कोसली विधानसभा में सबसे ज्यादा 2,22,569 मतदाता हैं वहीं झज्जर में सबसे कम 16,02,93 वोटर हैं।

 

चौ देवीलाल को तीन बार हराकर हुड्डा ने बनाया गढ़

रोहतक लोकसभा क्षेत्र को हुड्डा परिवार का गढ़ माना जाता है। हुड्डा परिवार से 9 बार सांसद बना है। रणबीर हुड्डा 1952 तथा 1957 में सांसद बने। 1991, 1996, 1998 और 2004 में भूपेंद्र हुड्डा और 2005, 2009 तथा 2014 में दीपेंद्र हुड्डा सांसद बने। 1952 से लेकर 2014 तक हुए चुनाव में ज्यादातर समय जाट नेता ही सांसद बने हैं। इसमें भी 11 बार कांग्रेस जीती है। 1962, 1971 व 1999 और 1977, 1980 तथा 1989 में गैर कांग्रेसी प्रत्याशी को जीत हासिल हुई थी। इस गढ़ की प्रसिद्धी में भूपेंद्र हुड्डा द्वारा हरियाणा कद्दावर नेता देवीलाल को तीन बार हराना महत्वपूर्ण वाक्य है।

 

वर्ष 1999 में रोहतक से हारकर करनाल लौटे अरविंद

बीजेपी प्रत्याशी अरविंद शर्मा भी 3 बार सांसद रह चुके हैं। शर्मा ने सर्वप्रथम जाट बाहुल्य 1996 में सोनीपत से आजाद उम्मीदवार के तौर पर जीते। शिवसेना के प्रदेश अध्यक्ष रहे और 1999 में रोहतक से चुनाव लड़े लेकिन हार गए। कांग्रेस में शामिल हुए और करनाल से 2004 और 2009 में जीते। 2014 में बीजेपी के अश्विनी चोपड़ा ने अरविंद को हरा दिया। अब ऱोहतक से भाजपा प्रत्याशी है।

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