हरियाणा के कृृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड ने केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू किए जाने के साथ ही इस योजना के संचालन के लिए राज्य सरकार की कम्पनी के गठन का ऐलान किया था। हालांकि अभी निजी कम्पनियों के जरिए हरियाणा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का संचालन किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कुल बीमा प्रीमियम किसानों,केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा अदा किया जाता है। हरियाणा में वर्ष 2016 के खरीफ मौसम में निजी बीमा कम्पनियों को 256.84 करोड रूपए प्रीमियम के बतौर मिले थे। इनमें से 127.36 करोड रूपए किसानों से,83.32 करोड रूपए हरियाणा सरकार से और 46.16 करोड रूपए केन्द्र सरकार की ओर से दिए गए थे। इसके मुकाबले बीमा कम्पनियाें ने प्राकृतिक आपदा के लिए 9.86 करोड रूपए और उत्पादन क्षति के लिए 2.24 करोड रूपए के बीमा दावों का भुगतान किया था। इस वर्ष के रबी मौसम में बीमा कम्पनियों ने 107.8 करोड का प्रीमियम हासिल किया और प्राकृृतिक आपदा के लिए 74.55 करोड रूपए और उत्पादन क्षति के लिए 49.57 करोड रूपए का भुगतान किया। खरीफ 2017 में बीमा कम्पनियों को 303.65 करोढ रूपए का प्रीमियम मिला और प्राकृतिक आपदा क्षति के लिए 24.01 करोड रूपए का भुगतान किया।
बीमा कम्पनी आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने सिरसा और भिवानी जिलों में कृषि विभाग द्वारा तय किए गए 390 करोड के दावों में 170 करोड पर विवाद खडा कर दिया है। वर्ष 2017-18 के रबी मौसम के लिए बीमा कम्पनियां 149.93 करोड रूपए का प्रीमियम ले चुकी है। पिछले वर्ष वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी राघवेन्द्र राव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन राज्य सरकार की इस तरह की बीमा कम्पनी बनाए जाने की संभावनाएं तलाशने के लिए किया गया था। इस कमेटी में कृृषि विभाग के प्रधान सचिव और कृृषि विभाग के निदेशक शामिल थे। इस कमेटी ने बीमा नियामक प्राधिकरण और कृषि एवं वित्त मंत्रालय का दौरा किया था।