मुख्यमंत्री मनोहर लाल ( CM manohar lal khattar ) की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। जिसके तहत नई व्यवस्था के मुताबिक उप निरीक्षक (एसआइ) रैंक का अधिकारी गायों और गोमांस की तस्करी की आशंका के चलते किसी भी वाहन को रोक सकता है और उसकी चेकिंग कर सकता है। चेकिंग के दौरान यदि गाय अथवा गोमांस पाया जाता है तो वह वाहन को जब्त कर सकता है। एसडीएम के पास प्रशासनिक काम अधिक होने के कारण उन्हें जिला उपायुक्तों के पास पूरी रिपोर्ट भेजनी होती थी और कोर्ट में इन मामलों की सही ढंग से पैरवी नहीं हो पाती थी। अब पुलिस के पास जांच तथा वाहन जब्त करने का अधिकार आ गया तो गायों की तस्करी से जुड़े तमाम मामलों पर अंकुश लग सकेगा और कोर्ट में आरोपितों को सजा दिलाने में कामयाबी मिल सकेगी।
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बैठक में गोवंश संरक्षण और गोसंवर्धन अधिनियम 2015 ( Govansh Sanrakshan And Govansh Samvardhan Act 2015 ) को संशोधित किया गया। अब नए विधेयक को हरियाणा गोवंश संरक्षण और गोसंवर्धन (संशोधन) विधेयक 2019 ( Govansh Sanrakshan And Govansh Samvardhan Act 2019 ) कहा जाएगा, जिसे अगस्त में होने वाले विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा। हरियाणा गो सेवा आयोग के चेयरमैन भानी राम मंगला के अनुसार एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन के नेतृत्व में बनी पांच सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कानून में बदलाव किया गया है।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट तथा विभिन्न जिला अदालतों में सैकड़ों ऐसे मामले लंबित पड़े हैं, जिनमें सरकार मजबूती से पैरवी नहीं कर पा रही। पैरवी के अभाव में गोमांस का निर्यात तथा गायों की तस्करी करने वालों को सजा नहीं मिल पा रही है। अदालतों में सरकार ने मौजूदा कानून में बदलाव की बात कही है। इस बदलाव तक अदालत से सरकार ने अपनी बात रखने के लिए समय मांग रखा है। कानून में बदलाव के बाद गायों की तस्करी करने वाले बच नहीं सकेंगे।