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अपनी घोषणाओं पर सख्त हुए मनोहर, घोषणाओं पर कितना हुआ काम जानने को विभागीय सचिवों से मांगी स्टेट्स रिपोर्ट

locationकरनालPublished: Jan 23, 2019 06:14:56 pm

Submitted by:

Prateek

राज्य सरकार ने घोषणाएं तो बहुत की पर अमली जामा बहुत कम को पहनाया जा सका, चुनाव नजदीक है सरकार कोई भी रिस्क लेने को तैयार नहीं है…

cm file photo

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(चंडीगढ़,करनाल): हरियाणा सरकार पूरी तरह से चुनावी मोड पर आ गई है। एक तरफ मुख्यमंत्री मनोहर लाल जींद उपचुनाव में व्यस्त हैं तो दूसरी तरफ उन्होंने सभी विभागीय सचिवों से अब तक हुई घोषणाओं की स्टेट्स रिपोर्ट मांग ली है। सभी अधिकारियों को यह रिपोर्ट दो दिन के भीतर यानि 25 जनवरी तक मुख्यमंत्री को देनी होगी। इस रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री न केवल आगामी रणनीति तय करेंगे बल्कि कोताही मिलने पर संबंधित विभागीय अधिकारियों की क्लास लगनी भी तय मानी जा रही है।


हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा की गई घोषणाओं को अमली रूप देना लंबे समय से खींचतान का विषय बना हुआ है। मुख्यमंत्री सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान अपने द्वारा जनहित में की जाने वाली घोषणाओं को अमली रूप दिलवाने के लिए कई तरकीब अपना चुके हैं लेकिन अभी तक किसी में आशातीत सफलता नहीं मिली है। किसी भी प्रयोग में मुख्यमंत्री की उम्मीद के अनुरूप परिणाम नहीं मिल सके हैं।

 

चुनावी साल में नहीं होगी कोई घोषणा

अब चुनावी सीजन में जब मुख्यमंत्री और प्रदेश के अन्य मंत्री प्रदेश का दौरा करने के लिए जनता के बीच जा रहे हैं तो वहां न केवल जनता जवाब मांग रही है बल्कि विपक्ष को भी मुद्दा मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में करीब सात हजार घोषणाएं की हैं। पिछली हुड्डा सरकार के दस साल के कार्यकाल में साढ़े छह हजार घोषणाएं हुई थी। मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के चार साल पूरे होने पर ऐलान किया था कि पांचवा साल चूंकि चुनावी होता है, इसलिए वह कोई ऐसी घोषणा इस साल में नहीं करेंगे, जो पूरी नहीं हो सके।


जमीन की कमी से अटकी कई योजनाएं

मुख्यमंत्री का पूरा जोर अब उनके द्वारा पूर्व में की गई घोषणाओं को अमली रूप देने का है। करीब साढ़े चार हजार घोषणाओं को पूरा किया जा चुका और ढ़ाई से तीन हजार घोषणाएं अभी बाकी हैं। कई घोषणाएं ऐसी हैं, जिनके क्रियान्वयन में जमीन की जरूरत है। यह जमीन पंचायती भी हो सकती है और गैर पंचायती भी। राज्य सरकार ने चूंकि अपने कार्यकाल में जमीनों का अधिग्रहण बंद कर रखा है, लिहाजा जमीन की किल्लत बनी हुई है।


सरकार को खरीदनी पड़ रही जमीनें

जमीन की कमी को पूरा करने के लिए हरियाणा सरकार ने आनलाइन जमीनें खरीदने की प्रक्रिया शुरू की है। सरकार उसी व्यक्ति से जमीन खरीदेगी, जो खुद बेचने का इच्छुक होगा। इसके लिए उसे जमीन बेचने की पेशकश खुद सरकार को करनी होगी। सरकार को रेट उचित लगे तो जमीन खरीद ली जाएगी। जींद उपचुनाव के तुरंत बाद लोकसभा चुनाव होने हैं। भाजपा यदि जींद उपचुनाव जीतने में कामयाब हो जाती है तो लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी हो सकते हैं। लिहाजा सरकार चुनाव में लाभ हासिल करने के लिए सीएम घोषणाओं को किसी सूरत में लटकाने के हक में नहीं है। अब मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक सचिवों को रिपोर्ट के लिए जिले अलाट किए हैं। एक प्रशासनिक सचिव को एक जिला सौंपा गया है। सभी सचिवों को 25 जनवरी तक पूरी रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री लोकसभा चुनाव प्रचार की रणनीति तैयार करेंगे।

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