संजीव शर्मा, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार द्वारा लोगों को जल्द तथा पारदर्शी तरीके से इंसाफ दिलाने के लिए शुरू की गई सीएम विंडो सवालों के घेरे में है। प्रदेश के लोगों को अफसरशाही के चक्करों से बचाने के लिए शुरू की गई सीएम विंडो पर भी लोगों को इंसाफ नहीं मिल रहा है। अब अपनी समस्याओं का समाधान करवाने के लिए प्रदेश की जनता कहां जाए।इसका जवाब किसी के पास नहीं है। लोग अपनी समस्या को लेकर एक बार नहीं बल्कि बार-बार सीएम विंडो पर शिकायतें जमा करवा रहे हैं। इसके बावजूद उनकी शिकायतें पहले की तरह अफसरशाही के चक्करों में उलझी हुई हैं।
हरियाणा में ऐसे सैकड़ों उदाहरण मौजूद हैं जिन्होंने सीएम विंडो पर इंसाफ के लिए अपनी शिकायतें दर्जनों बार जमा करवाई हैं। इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इंसाफ के लिए लोग बार-बार सीएम विंडो पर आवेदन कर रहे हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
हरियाणा के रेवाड़ी जिला निवासी पूर्व सैनिक आर.एस. यादव के अनुसार उन्होंने लोकल प्रापर्टी डीलर द्वारा परेशान किए जाने की शिकायत दी। शिकायत का कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला तो उन्होंने एक के बाद एक 54 शिकायतें सीएम विंडो के माध्यम से दर्ज करवाई। इसके बाद उन्हें इंसाफ के लिए अदालत का सहारा लेना पड़ा।
सीएम विंडो पर अलग-अलग मामलों से संबंधित 43 बार शिकायत देने वाले सिरसा जिला के सामाजिक कार्यकर्ता सरवण शर्मा के अनुसार हर बार उनकी शिकायत संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को भेज दी जाती है। उनकी शिकायतें वरिष्ठ से कनिष्ठ और कनिष्ठ से वरिष्ठ अधिकारियों के पास घूमती रहती हैं। इसके आगे कुछ नहीं हो रहा है।
पानीपत निवासी सामाजिक कार्यकर्ता नरिंदर कुमार अब तक विभिन्न मामलों से संबंधित 115 शिकायतें सीएम विंडो पर दे चुके हैं। इसके बावजूद शिकायतों का निपटारा नहीं हुआ है। हरियाणा सरकार द्वारा पिछले साल सुशासन दिवस के अवसर पर 25 दिसंबर को शुरू की गई सीएम विंडो जून माह के अंत तक 70 हजार 82 शिकायतें आई हैं, जिनमें से 13 हजार 794 का निपटारा किया गया है।
पुलिस के खिलाफ सबसे अधिक शिकायतें
सीएम विंडो पर प्रदेश के लगभग सभी विभागों से संबंधित शिकायतें आ रही हैं। इसके बावजूद पुलिस विभाग के खिलाफ सबसे अधिक 12335 शिकायतें आई हैं, जिनमें से केवल 3086 शिकायतों का निपटारा किया गया है। दूसरे नंबर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग है।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग से संबंधित 6840 शिकायतें आई हैं। इसी प्रकार स्कूल शिक्षा विभाग के खिलाफ 3209, विद्युत विभाग के खिलाफ 3180, राजस्व विभाग के खिलाफ 2944, शहरी विकास एवं स्थानीय निकाय विभाग के खिलाफ 2257, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के खिलाफ 1875, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के खिलाफ 1563, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के खिलाफ 1529 शिकायतें आई हैं।
पानीपत डीसी के खिलाफ सर्वाधिक शिकायतें
जिला स्तर पर उपायुक्त कार्यालयों का अगर आंकलन किया जाए तो पानीपत जिला उपायुक्त एवं उनके कार्यालय से संबंधित सबसे अधिक शिकायतें सीएम विंडो पर पहुंची हैं। इस अवधि के दौरान पानीपत उपायुक्त के खिलाफ 2751, करनाल डीसी के खिलाफ 1941, नारनौल-महेंद्रगढ़ उपायुक्त के खिलाफ 1523, भिवानी उपायुक्त के खिलाफ 1456, सिरसा उपायुक्त के खिलाफ 1432, कैथल उपायुक्त के खिलाफ 1367 तथा जींद जिला उपायुक्त एवं उनके कार्यालय के खिलाफ 1350 शिकायतें सीएम विंडो पर आई हैं।