आपको बता दें कि नौक्षम चौधरी की उम्र 26 साल है। मिरांडा कालेज दिल्ली में छात्र संघ नेता रही। चौधरी दस भाषाओं का ज्ञान रखती है। एक करोड़ रुपए सालाना वेतन के ऑफर ठुकराकर वह सूबे की सबसे पिछड़ी विधानसभा पुन्हाना में बड़े – बड़े दिग्गजों को चुनौती देने के लिए उतर आई। पत्रकारवार्ता में नौक्षम चौधरी ने कहा कि वह किसी से नहीं डरती। वो मेवात की बेटी या छोरी हैं। उनको गीदड़भभकी से डर नहीं लगता। पार्टी युवाओं को देशभर में टिकट दे रही है। वे टिकट के काबिल हैं। पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता ने उन्हें बहुत प्रभावित किया। अब वे विदेश और माता – पिता के पास चंडीगढ़ नहीं जाएंगी बल्कि अपने पैतृक गांव पैमाखेड़ा और पुन्हाना के हालात बदलने की दिशा में काम करेंगी। खुदा न खास्ता अगर टिकट नहीं मिला तो भाजपा के लिए वे काम करना नहीं छोड़ेंगी। नौक्षम चौधरी के पहले ही कार्यक्रम में डेमरोत पाल के अलावा पुन्हाना शहर के लोगों और दलित समुदाय के लोगों के जो जाने-माने चेहरे दिखे और कई सरपंच भी शामिल हुए। उसने टिकट का प्रबल दावा कर रहे निवर्तमान विधायक रहीस खान की नींद जरूर उड़ा दी है। पंचायत समिति चैयरमेन इरशाद, भूरू सरपंच , जहीर सरपंच , तैयब सरपंच सहित कई बड़े नाम शनिवार को कार्यक्रम में शामिल हुए और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाते हुए कहा कि सूबे में सबसे ज्यादा वोटों से गांव की बेटी की जीत होगी। सदस्यता प्रमुख जाहिद हुसैन ने पार्टी में आने पर स्वागत करते हुए कहा कि पढ़ी लिखी काबिल बेटियों के आने से पार्टी मजबूत होगी। वे यात्रा के दौरान सीएम मनोहर लाल के सामने अपना लगाव और उत्साह दिखाना चाहती हैं। सीएम साहब को उनके कार्यक्रम में रुकवाया जाएगा। नौक्षम चौधरी के मैदान में आने से पुन्हाना विधानसभा की राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। यह पहला मौका होगा जब कोई मेवात की शिक्षित बेटी विधानसभा में जाने के लिए जद्दोजहद करती दिखाई देगी। पुन्हाना में अब रहीस खान निवर्तमान विधायक रहीस खान, हज कमेटी चैयरमेन औरंगजेब के अलावा नौक्षम चौधरी के मैदान में आने से टिकट की लड़ाई रोचक हो गई है।