करोड़ों रुपए लगने के बावजूद प्रोजेक्ट अधर में
विभिन्न करों के रूप में निकायों के उपभोक्ताओं की तरफ करोड़ों रुपए फंसे हुए हैं। दूसरी तरफ संसाधनों की कमी से स्थानीय निकायों के दर्जनों प्रोजेक्ट अधर में लटके हुए हैं। वित्तीय संकट से जूझ रहे स्थानीय निकाय सब्सिडी तक जारी नहीं कर पा रहे, जिससे पात्र लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सिर पर छत के लिए इंतजार लंबा खिंचता जा रहा है। इसके बाद विज ने सभी शहरी निकायों की वित्तीय स्थिति की पड़ताल का निर्णय लेते हुए ग्राउंड रिपोर्ट तलब कर ली।समीक्षा रिपोर्ट के आधार पर ही सभी शहरों के विकास का मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।
शुरू होगा सैंट्रलाइज फाइल मॉनिटरिंग सिस्टम
विज ने नगर निगमों, नगर परिषदों तथा नगर पालिकाओं में सैंट्रलाइज फाइल एवं लैटर मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करने के निर्देश दिए हैं। यह फैसला निकाय मंत्री ने अपने पास आ रही शिकायतों के आधार पर लिया है। उन्हें जानकारी मिली थी कि निकायों में आए दिन लोग शिकायतें लेकर आते हैं उनका समाधान तो दूर उन्हें अक्सर रद्दी की टोकरी में रख दिया जाता है।