1908 में बना था लाल डोरा
दरअसल अंग्रेजों ने वर्ष 1908 में एक कानून बनाया था। इसे लाल डोरे के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजों के वक्त राजस्व रिकॉर्ड रखने के लिए खेतीबाड़ी की जमीन के साथ स्थित गांव की आबादी को अलग-अलग दिखाने के मकसद से नकशे पर आबादी के बाहर लाल लाइन खींची जाती थी। लाल डोरे के अंदर लोग कब्जे के मालिक होते हैं। जिसे लाल डोरा बोला जाता है।
आज़ादी के बाद भी नहीं ली सुध
आश्चर्य की बात यह है कि आाजादी के सात दशक बीतने के बावजूद किसी ने लाखों ग्रामीणों की परेशानी का सबब बने अंग्रेजों के बने कानून की सुध नहीं ली। एक शताब्दी से ज्यादा पुराने इस कानून ने सैकड़ों गांवों के बाशिंदों की जिंदगी मे तनाव व्याप्त कर रखा था। इस कानून के कारणा जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही थी। मकानों की वैधानिक खरीद-फरोख्त में अड़चन आ रही थी। मकान और जमीन के दस्तावेज वैधानिक नहीं होने के कारण बैंक ऋण देने में आनाकानी कर रही थी। राजस्व रिकार्ड में भी इनका अता-पता नहीं चल रहा था। अब जाकर इस कानून से मुक्ति मिलेगी।
करनाल का सिरसी पहला डोरा मुक्त
अभी तक 80 गांवों में सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा ड्रोन से सर्वे पूरा किया जा चुका है। राज्य सरकार पूरे प्रदेश के गांवों को लाल डोरा से मुक्त करना चाहती है ताकि लोगों को कानूनी रूप से आबादी क्षेत्र में उनकी जमीन का मालिकाना हक मिल सके। उन्होंने करनाल जिले का सिरसी गांव राज्य का पहला लाल डोरा मुक्त गांव बन गया है तथा अब चरणबद्ध तरीके से पूरे राज्य के गांवों को लाल डोरा से आजादी दिलाने के लिए तेजी से ड्रोन सर्वे कर मैपिंग का कार्य किया जा रहा है।
ड्रोन से सर्वे
हरियाणा सरकार की राज्य के गांवों को लाल डोरा मुक्त करने के फैसले तथा इसके तहत पायलट प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले कैथल जिले के 11 गांवों को लाल डोरा मुक्त करने किया जाएगा। कैथल जिला उपायुक्त सुजान सिंह ने मंगलवार को यहां सम्बंधित अधिकारियों के साथ एक बैठक में यह जानकारी देते हुए उन्हें निर्देश दिए कि लाल डोरा मुक्त योजना के तहत जिले के जिन गांवों में ड्रोन से मैपिंग का कार्य होना है उन सभी गांवों में राजस्व और पंचायत विभाग के अधिकारी आपसी तालमेल से गांव की हद में चूना डलवाने के कार्य को टीम बनाकर पूरा करें। उन्होंने कहा कि जिले के 11 गांवों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत शामिल किया गया है, जहां 23 जुलाई को केंद्र सरकार की टीम मैपिंग के कार्य के लिए पहुंचेगी।
अब मिल सकेगा कानूनी हक
लाल डोरा मुक्त होने पर गांवों में रहने वाले लोग अपने (Now legal rights will be available ) मकान की रजिस्ट्री करा सकेंगे और वे कानूनी रूप से अपने मकान के मलिक बन जाएंगे। वे अपने मकान बेच सकेंगे और खरीदने वाले को भी रजिस्ट्री करानी होगी। यही नहीं, मकान मालिक अपने मकान पर लोन भी ले सकेंगे।