scriptलाल डोरा सीमा में मिलेंगे जमीनों के मालिकाना हक | Ownership of land will be found in Lal Dora border | Patrika News

लाल डोरा सीमा में मिलेंगे जमीनों के मालिकाना हक

locationकरनालPublished: Jan 02, 2020 05:47:01 pm

आजादी के 72 साल बाद गावों के आएंगे अच्छे दिनकरनाल जिले के सिरसी गांव में सफल हुआ पायलट प्रोजेक्ट

प्रशासन को अपनी ही जमीन मुक्त कराने में लग गए 46 साल

प्रशासन को अपनी ही जमीन मुक्त कराने में लग गए 46 साल

चंडीगढ़. हरियाणा के गावों में वर्षों से रहने वाले लोगों को अब उनकी जमीन के मालिकाना हक मिलेंगे। हरियाणा में आजादी के 72 साल बाद लाल डोरा सीमा विवाद का समाधान होने जा रहा है। इस मुद्दे को कई राजनीतिक दलों ने चुनावी मुद्दा तो बनाया लेकिन समाधान की तरफ नहीं बढ़े। अब प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने गावों की लाल डोरा सीमा में बने आवासीय भूखंडों को नियमित करने का फैसला कर लिया है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में करनाल जिले के गांव सिरसी को चुना गया था। जहां निर्माणों को नियमित किया जा रहा है।
देश की आजादी के बाद संयुक्त पंजाब के समय लोगों को जहां जगह मिली वहां उन्होंने कब्जा करके रहना शुरू कर दिया। इसके बाद एक नवंबर 1966 को जब हरियाणा अस्तित्व में आया तो हरियाणा की अलग से मुरब्बाबंदी की गई और लोगों ने ग्रामीण क्षेत्रों में अपने आवास बनाने शुरू कर दिए। जिन्हें लाल डोरा की संज्ञा दी गई। लाल डोरा सीमा में रहने वाले लोगों का कब्जा तो पीढ़ी दर पीढ़ी चला आ रहा है लेकिन उनके पास इसके मालिकाना हक नहीं हैं।
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में करनाल जिला के गांव सिरसी को चुना गया। हरियाणा सरकार ने सर्वे ऑफ इंडिया के साथ एक एमओयू किया था। जिसके तहत सिरसी गांव का ड्रोन से सर्वे करके बकायदा नक्शा तैयार किया गया। इस सर्वे में यह चिन्हित किया गया कि गांव में कहां निर्माण हैं और उनका मालिक कौन है।
हरियाणा की अन्य खबरों के लिए क्लिक करें….

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो