हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में
इस श्रेणी की हवा को अ'छी या संतोषजनक कहा जाता है। पराली का धुंआ निरंतर दिल्ली तक पहुंचने से बुधवार से ही राजधानी की हवा की गुणवत्ता खराब की श्रेणी में पहुंच गई है। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी परियोजना क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता 225 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गई है। यदि यही हालात जारी रहे तो अगले कुछ दिनों में हवा की गुणवत्ता में गिरावट ज्यादा आएगी।
ईपीसीए ने राज्यों की बुलाई बैठक
पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने भी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू करने की तैयारियों को लेकर दिल्ली, हरियाणा, उप्र व राजस्थान के संबंधित अधिकारियों की गुरुवार को बैठक बुलाई है। पंजाब की मुख्य सचिव विनी महाजन ने ईपीसीए अध्यक्ष भूरेलाल को पत्र लिखा कि किसानों को पराली के उपयोग के लिए काफी कम दरों पर मशीनरी दी जा रही है। भूरेलाल (अध्यक्ष, ईपीसीए) का कहना है कि पराली का धुआं दिल्ली-एनसीआर का रुख करने लगा है। हमने ग्रेप लागू करने को लेकर गुरुवार को बैठक बुलाई है। जरूरत के मुताबिक और सख्त निणज़्य लिए जा सकते हैं।
मुख्य सचिव ने बुलाई बैठक
एस. नारायणन (सदस्य सचिव, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) का कहना है कि पराली जलाने के मामले बढ़ रहे हैं। हरियाणा में 451 मामले पकड़े जा चुके हैं। मुख्य सचिव ने बुधवार को सभी जिला उपायुक्तों के साथ बैठक रखी है। उधर आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब और हरियाणा वायु-प्रदूषण के मामले में उदासीनता बरत रहे हैं और पराली जलने से रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। पिछले साल के मुकाबले अक्टूबर के पहले सप्ताह में पराली जलाने के मामलों में पंजाब में 9 गुना और हरियाणा में 3 गुना वृद्धि हुई हैं।
4400 करोड़ पर सवाल
राघव चड्ढा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी वायु प्रदूषण से निपटने की बात करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ हरियाणा की सरकार ने पीएम की सलाह को नजरअंदाज किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि केंद्र सरकार हवा को स्वच्छ करने के लिए 4,400 करोड़ रुपये खर्च करेगी। राघव चड्ढा ने कहा कि हम पूछना चाहते हैं कि यह पैसा कहां गया? अभी तक किसानों को वो पैसा क्यों नहीं दिया गया, किसानों को अभी तक हैप्पी शीडर मशीन क्यों नहीं दी गईं? पराली जलाने को लेकर आज तक केंद्र सरकार ने कोई परिवर्तनात्मक उपाय क्यों नहीं दिया? आज फिर से पराली जलाने की स्थिति क्यों आ पड़ी है?