ज्यादातर सीटों पर सीधा या तिकोणा मुकाबला है। चुनावी रण में उतरा कोई भी प्रत्याशी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त नहीं है। यह चुनाव कई ऐसे प्रत्याशियों के लिए अहम है जिनका राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा हुआ है। पूरे प्रचार के दौरान सभी राजनीतिक दलों ने अपनी ताकत झौंकते हुए प्रचार किया। हरियाणा में दस का दम भरने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी की बात की जाए तो प्रचार के दौरान जनता द्वारा विरोध किए जाने तथा भीड़ न जुटने जैसे सबसे अधिक वीडियो भाजपा प्रत्याशियों के ही वायरल हुए हैं। जिसके चलते भाजपा प्रत्याशियों को केवल मोदी के नाम का ही सहारा है।
दूसरी तरफ कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के दावेदार अपने-अपने क्षेत्रों तक सीमित रहे। कांग्रेस प्रत्याशियों को इस चुनाव में केवल अपने निजी संबंधों तथा भाजपा प्रत्याशियों को लगातार हो रहे विरोध से उम्मीद है कि शायद जनता इस बार फिर से विकल्प के रूप में उन्हें स्वीकार कर ले। हरियाणा में तीसरे नंबर पर जननायक जनता पार्टी व आम आदमी पार्टी गठबंधन तथा बहुजन समाज पार्टी व लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी की चर्चा हो रही है। इस चुनाव का परिणाम गठबंधन का भविष्य तय करेगा। दूसरी तरफ हरियाणा में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभाने वाली इंडियन नेशनल लोकदल इस चुनाव के माध्यम से अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।