अपने चहेतों को टिकट दिलवाने के लिए कांग्रेस के सभी नेताओं ने पूरा जोर लगा रखा है। आलम यह है कि जनता में एकजुटता का दिखावा करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस अध्यक्षा कुमारी शैलजा, कैप्टन अजय सिंह यादव, किरण चौधरी, कुलदीप बिश्नोई, रणदीप सुरजेवाला व अशोक तंवर अधिक से अधिक संख्या में अपने समर्थकों को टिकट दिलवाने के लिए एक-दूसरे के विरूद्ध मोर्चा खोले हुए हैं।
यही कारण है कि कांग्रेस की सूची सबसे अंत में जारी हो रही है। बुधवार को को कांग्रेस की सूची जारी होने से पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने पार्टी हाईकमान के विरूद्ध मोर्चा खोल दिया। तंवर समर्थकों द्वारा जहां दिल्ली में सोनिया गांधी के आवास के बाहर प्रदर्शन किया गया वहीं सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद भी अशोक तंवर शांत नहीं हुए और उन्होंने अपने स्तर पर राजनीतिक आपाकाल घोषित कर दिया।
दोपहर के समय अशोक तंवर का एक ऑडियो वायरल हुआ जिसमें उन्होंने अपने समर्थकों को अधिक से अधिक संख्या में कांग्रेस मुख्यालय पहुंचने की अपील करते हुए कहा कि कुछ लोग कांग्रेस का नाश करने में लगे हैं यहां आकर कांग्रेस को व खुद को बचा लो। यह मैसेज वायरल होते ही तंवर समर्थकों ने हुड्डा व गुलाम नबी आजाद के विरूद्ध नारेबाजी भी की। तंवर प्रकरण अभी चल ही रहा था कि सोशल मीडिया तथा इलैक्ट्रोनिक मीडिया पर किरण चौधरी द्वारा इस्तीफा दिए गए जाने की खबरें आ गई। बताया कि किरण चौधरी ने अपनी पसंद से टिकटों का आबंटन नहीं किए जाने के विरोध में इस्तीफे की पेशकश कर दी है।
यह प्रकरण भी कुछ समय तक चलता रहा। हालांकि कुछ समय बाद किरण चौधरी ने इस्तीफे की खबरों को अफवाह करार देते हुए कहा कि टिकट आबंटन प्रक्रिया सही नहीं होने के कारण उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात करके अपनी बात रखी है। बताया जाता है कि टिकट आबंटन के मामले में हुड्डा और शैलजा के अलावा किसी की नहीं चल रही है। जिसके चलते तंवर व किरण चौधरी सरीखे नेताओं को खुलकर दबाव की राजनीति करनी पड़ी है।
इसी दौरान दक्षिण हरियाणा के नेता एवं पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने एक ट्वीट करके कहा कि पांच साल मेहनत करने वालों की अनदेखी की जा रही है। कांग्रेस को कर्मठ व मेहनती कार्यकर्ताओं की अनदेखी महंगी पड़ सकती है।