scriptइंग्लैंड में अपनी बुद्धिमता से भारत का नाम रोशन कर दिया इस बालिका ने | This girl brightened name of India in England with her intelligence | Patrika News

इंग्लैंड में अपनी बुद्धिमता से भारत का नाम रोशन कर दिया इस बालिका ने

locationकरनालPublished: Aug 11, 2020 06:39:00 pm

Submitted by:

Yogendra Yogi

(Haryana News ) करनाल के अत्रेजा परिवार की होनहार ईशा को ब्रिटेन (Britain) के सबसे चतुर लोगों में सर्वोच्च (Top position in intellectuals ) स्थान मिला है। ईशा अत्रेजा का कहना है कि वह और उनका परिवार यह खबर सुनकर आश्चर्यचकित है। अब ईशा को वहां के बेहद प्रतिष्ठित आइक्यू टेस्ट मेन्सा के लिए आमंत्रित किया गया है। इसका अवसर गिने-चुने प्रतिभाशाली लोगों को ही मिल पाता है।

इंग्लैंड में अपनी बुद्धिमता से भारत का नाम रोशन कर दिया इस बालिका ने

इंग्लैंड में अपनी बुद्धिमता से भारत का नाम रोशन कर दिया इस बालिका ने

करनाल(हरियाणा): (Haryana News ) करनाल के अत्रेजा परिवार की होनहार ईशा को ब्रिटेन (Britain) के सबसे चतुर लोगों में सर्वोच्च (Top position in intellectuals ) स्थान मिला है। ईशा अत्रेजा का कहना है कि वह और उनका परिवार यह खबर सुनकर आश्चर्यचकित है। अब ईशा को वहां के बेहद प्रतिष्ठित आइक्यू टेस्ट मेन्सा के लिए आमंत्रित किया गया है। इसका अवसर गिने-चुने प्रतिभाशाली लोगों को ही मिल पाता है।

उच्च बुद्धि कौशल समूह मेन्सा
मेन्सा एक उच्च बुद्धि कौशल रखने वाले ऐसे सदस्यों का समूह है, जिसका गठन 1946 में ऑक्सफोर्ड में हुआ था। इसमें आयरलैंड गणराज्य और इंग्लिश चैनल द्वीप समूह सहित ब्रिटेन के 20,000 सदस्य हैं। ईशा की तरह उन सदस्यों में से लगभग 1300 की आयु 16 वर्ष या उससे कम है, जिनमें ईशा को सर्वोच्च स्कोर हासिल हुआ। यह सुनकर लोग खुश हैं कि एप्सोम के स्टोनलेह क्षेत्र की एक लडक़ी को मेन्सा टेस्ट में उच्चतम संभावित स्कोर में से एक हासिल करने के बाद मेंसा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।

लिखित-मौखिक परीक्षण हुआ
ईशा ने व्यक्ति परीक्षण एक दिन, एक 30 मिनट, अन्य 90 मिनट में हुए, और उनके मौखिक और गैर-मौखिक तर्क को चुनौती दी। 16 साल की ईशा अत्रेजा, नॉनसुक हाई स्कूल फॉर गल्सज़् की छात्रा है, जहाँ वह छठे रूप में रहने की योजना बना रही है। वह कहती है कि मैं वास्तव में हैरान थी, अपने माता-पिता से ज्यादा हैरान थी। यह वास्तव में रोमांचक खबर थी जिसकी मुझे बिल्कुल उम्मीद नहीं थी। वह कहती है यह कुछ महीने पहले शुरू हुआ था, जब मेरे पिताजी मेरे पास आए और मुझे दिखाया कि मेन्सा आईक्यू टेस्ट ले रहा था। यह काफी दिलचस्प लग रहा था, खासकर कोरोना के दौरान। कंप्यूटर पर क्वालीफायर टेस्ट करने के बाद उसने पर्यवेक्षण परीक्षण किया।

माता-पिता डॉक्टर
ईशा के पिता गौरव अत्रेजा व माँ सपना अत्रेजा दोनों इंग्लैंड के जाने माने डाक्टर है। ईशा के दादा ओमप्रकाश अत्रेजा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जाने माने पदाधिकारी हैं। दादी संतोष अत्रेजा भारतीय जनता पार्टी करनाल की जिला अध्यक्ष व हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की मानद सचिव रह चुकी हैं। चाचा कपिल अत्रेजा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचार प्रमुख हैं व चाचा गगन अत्रेजा एक प्रतिष्ठित कंपनी में शीर्ष पद पर है।

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