script21 फरवरी 2019 बृहस्पतिवार को आज का हिन्दू पंचांग, जानिए कब है राहु काल | Aaj ka hindu panchang rahukal 21 february 2019 latest news in hindi | Patrika News

21 फरवरी 2019 बृहस्पतिवार को आज का हिन्दू पंचांग, जानिए कब है राहु काल

locationकासगंजPublished: Feb 21, 2019 12:01:33 pm

1 फरवरी 2019 बृहस्पतिवार का पंचांग : शिव पुराण में आता हैं कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें

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दिनांक 21 फरवरी 2019
दिन – गुरुवार
विक्रम संवत – 2075
शक संवत -1940
अयन – उत्तरायण
ऋतु – वसंत
मास – फाल्गुन (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार माघ)
पक्ष – कृष्ण
तिथि – द्वितीया दोपहर 02:02 तक तत्पश्चात तृतीया
नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी 22 फरवरी रात्रि 02:27 तक तत्पश्चात हस्त
योग – धृति रात्रि 11:13 तक तत्पश्चात शूल
राहुकाल – दोपहर 02:00 से शाम 03:24 तक
सूर्योदय – 07:08
सूर्यास्त – 18:37
दिशाशूल – दक्षिण दिशा में

विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)


विघ्नों और मुसीबतें दूर करने के लिए
शिव पुराण में आता हैं कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और ये मंत्र बोलें
ॐ गं गणपते नमः ।
ॐ सोमाय नमः ।


चतुर्थी तिथि विशेष
चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेश जी हैं।
हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक मास में दो चतुर्थी होती हैं।
पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं।अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।
शिवपुराण के अनुसार “महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥
“ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली और एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।


कोई कष्ट हो तो
हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पूर्णिमा के बाद की चतुर्थी) आती है | उस दिन सुबह छह मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों।
छः मंत्र इस प्रकार हैं –*
ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे ।*
दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो… भैरव देख दुष्ट घबराये ।
ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।
ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । और जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है।
ॐ अविघ्नाय नम:
ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:
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