कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बाढ़ से निपटने के लिए आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि जलस्तर बढ़ते ही समस्त बाढ़ चैकियों तथा कन्ट्रोल रूम को पूर्णतः सक्रिय कर दें। समस्त लेखपाल अपने तैनाती स्थल पर ही रहेंगे। बिना एसडीएम की अनुमति के अपने तैनाती स्थल न छोड़ें। नावों, नाविकों और गोताखोरों को चिन्हित कर अनुबन्ध कर लें। विषम परिस्थितियों में यहां मिलिट्री की यूनिट तैनात रहेगी। बाढ़ चैकियों पर अस्थायी विद्युत व्यवस्था होगी और फ्लड लाइटें लगवाई जायेंगी। जैसे ही जलस्तर बढ़ने की सूचना मिलेगी तो संभावित बाढ़ प्रभावी गांवों में अलर्ट होने के लिये लाउडस्पीकर से एलान करा दिया जायेगा। तीनों तहसीलों में टॉर्च, हेलमेट, छाते, लाइटें व अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध रखें।
गंगा में डेढ़ लाख क्यूसिक से अधिक पानी आने पर बाढ़ और दो लाख क्यूसिक से अधिक पानी होने पर स्थिति गंभीर हो जाती है। पूर्ण सतर्कता बरतें, जिससे कोई जानमाल का नुकसान न हो। संभावित बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के निवासियों के लिए राशन, मिट्टी के तेल, डीजल और ठहरने की व्यवस्था, पशुओं के लिये चारा, भूसा आदि की व्यवस्था कर लें। बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य कैम्प लगाने तथा पशु टीकाकरण की व्यवस्था कर ली जाये।
वर्षा के दौरान गंगा नदी के जलस्तर पर हर समय पैनी नजर रखें तथा जिला प्रशासन व शासन को पल पल की जानकारी दी जाये। बाढ़ के दौरान सड़कें कटने पर तुरंत ठीक कराने तथा विद्युत व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने पर पूरा ध्यान दें। जिलाधिकारी ने अधिशाषी अभियंता सिंचाई के बैठक में अनुपस्थित होने पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुये उनका स्पष्टीकरण लेने के एडीएम को निर्देश दिये। बैठक में एडीएम वि./रा. राकेश कुमार, एसडीएम कासगंज, पटियाली, सहावर, तहसीलदार, डिप्टी सीएमओ, सीवीओ, एसडीओ सिंचाई व नलकूप, विद्युत, जलनिगम एवं अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।