ऐसे हुआ खुलासा
कासगंज शहर के समीववर्ती गांव बैरियां नगला, अहरौली, शेरनाथ मोहल्ला, चित्रगुप्त कॉलोनी में सैकडो लोगों के कार्ड बनाए हैं। कार्डधारकों को स्वास्थ्य सेवाओं का कोई लाभ नहीं मिला। खुद को ठगी का शिकार मान रहे थे। कई लोग कार्ड बनाने वालों की फिराक में थे। किसी की नजर रेलवे स्टेशन पर पड़ी। देखा कि यहां कार्ड बनाने वाले खड़े हैं। कई लोग आ गए। जीआरपी की मदद से इन्हें पकड़ लिया। ये लोग ट्रेन में सवार होकर फर्रुखाबाद के लिए रवाना होने वाले थे। गिरफ्त में आये लोगों ने अपना नाम अब्दुल हसीम सिद्दीकी पुत्र खालिद सिद्दीकी, फिदान खां फर्रुखाबाद, रीनू तिवारी पत्नी नीरेन्द्र तिवारी गुराई रोड फर्रुखाबाद, गजाला पत्नी ईशान नकसा चौकी फर्रुखाबाद, पूजा मिश्रा पुत्री राजेन्द्र लाल निवासी दरवाजा फर्रुखाबाद बताया।
कासगंज शहर के समीववर्ती गांव बैरियां नगला, अहरौली, शेरनाथ मोहल्ला, चित्रगुप्त कॉलोनी में सैकडो लोगों के कार्ड बनाए हैं। कार्डधारकों को स्वास्थ्य सेवाओं का कोई लाभ नहीं मिला। खुद को ठगी का शिकार मान रहे थे। कई लोग कार्ड बनाने वालों की फिराक में थे। किसी की नजर रेलवे स्टेशन पर पड़ी। देखा कि यहां कार्ड बनाने वाले खड़े हैं। कई लोग आ गए। जीआरपी की मदद से इन्हें पकड़ लिया। ये लोग ट्रेन में सवार होकर फर्रुखाबाद के लिए रवाना होने वाले थे। गिरफ्त में आये लोगों ने अपना नाम अब्दुल हसीम सिद्दीकी पुत्र खालिद सिद्दीकी, फिदान खां फर्रुखाबाद, रीनू तिवारी पत्नी नीरेन्द्र तिवारी गुराई रोड फर्रुखाबाद, गजाला पत्नी ईशान नकसा चौकी फर्रुखाबाद, पूजा मिश्रा पुत्री राजेन्द्र लाल निवासी दरवाजा फर्रुखाबाद बताया।
चिकित्सकों के फर्जी नंबर डालकर गुमराह किया
नायब तहसीलदार कीर्ति चौधरी और स्वास्थ्य विभाग की टीम सदर कोतवाली पहुंची। इनसे हेल्प कार्ड के बारे में जानकारी प्राप्त की। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. प्रतिमा सिंह का कहन है कि मामला दो माह पहले पटियाली में भी संज्ञान में आया था। तब ये लोग स्वास्थ्य हेल्प कार्ड बना रहे थे। इनसे मना कर दिया गया था कि जब तक कोई परमीशन नहीं मिले, तब तक किसी भी प्रकार के कार्ड नहीं बनाये। ये लोग 25 प्रतिशत छूट के नाम पर कासगंज में कुछ चिकित्सकों के फर्जी नंबर डालकर लोगों को गुमराह कर रहे थे। इनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है।
नायब तहसीलदार कीर्ति चौधरी और स्वास्थ्य विभाग की टीम सदर कोतवाली पहुंची। इनसे हेल्प कार्ड के बारे में जानकारी प्राप्त की। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. प्रतिमा सिंह का कहन है कि मामला दो माह पहले पटियाली में भी संज्ञान में आया था। तब ये लोग स्वास्थ्य हेल्प कार्ड बना रहे थे। इनसे मना कर दिया गया था कि जब तक कोई परमीशन नहीं मिले, तब तक किसी भी प्रकार के कार्ड नहीं बनाये। ये लोग 25 प्रतिशत छूट के नाम पर कासगंज में कुछ चिकित्सकों के फर्जी नंबर डालकर लोगों को गुमराह कर रहे थे। इनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है।