नमाज के लिए लाउडस्पीकर लगाने का विरोध
घटना रविवार रात्रि नौ बजे की है। ग्राम हिम्मतनगर बझेरा में महादेव का स्थान और रिहाइशी मस्जिद के रूप में एक झोपड़ी है। इसमें नमाज अदा की जाती थी। विवाद होने पर पहले तय हुआ था कि यहां न कोई मस्जिद बनेगी और न ही कोई मंदिर। स्थित यथावत रहेगी। इसके बाद भी रमजान में नमाज अदा होने लगी। नमाज के लिए बरेली से मौलाना हाजी मुख्तार अहमद को बुलाया गया था। वे रात्रि में नमाज-ए-इंशा करा रहे थे। तभी दूसरे समुदाय के लोग आ गए। उन्होंने लाउडस्पीकर लगाने का विरोध किया। कहा कि जब पहले सब तय हो चुका है तो ये नमाज लाउड स्पीकर लगाकर क्यों अदा की जा रही है। नमाज अदा करने वालों ने इसका विरोध किया। दोनों ओर से तू-तू-मैं-मैं होने लगी। बात इतनी बढ़ गई कि दूसरे पक्ष ने फायरिंग कर दी। इसके बाद तो भगदड़ मच गई।
घटना रविवार रात्रि नौ बजे की है। ग्राम हिम्मतनगर बझेरा में महादेव का स्थान और रिहाइशी मस्जिद के रूप में एक झोपड़ी है। इसमें नमाज अदा की जाती थी। विवाद होने पर पहले तय हुआ था कि यहां न कोई मस्जिद बनेगी और न ही कोई मंदिर। स्थित यथावत रहेगी। इसके बाद भी रमजान में नमाज अदा होने लगी। नमाज के लिए बरेली से मौलाना हाजी मुख्तार अहमद को बुलाया गया था। वे रात्रि में नमाज-ए-इंशा करा रहे थे। तभी दूसरे समुदाय के लोग आ गए। उन्होंने लाउडस्पीकर लगाने का विरोध किया। कहा कि जब पहले सब तय हो चुका है तो ये नमाज लाउड स्पीकर लगाकर क्यों अदा की जा रही है। नमाज अदा करने वालों ने इसका विरोध किया। दोनों ओर से तू-तू-मैं-मैं होने लगी। बात इतनी बढ़ गई कि दूसरे पक्ष ने फायरिंग कर दी। इसके बाद तो भगदड़ मच गई।
मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी, चार लोग हिरासत में
इस घटनाक्रम की किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। मौके पर पुलिस अधीक्षक पीयूष श्रीवास्तव, सहायक पुलिस अधीक्षक पवित्र मोहन त्रिपाठी, पुलिस क्षेत्राधिकारी पटियाली कर्मवीर सिंह और उप जिलाधिकारी पहुंचे। दोनों पक्षों से बातचीत की। कोई सुनने को तैयार नहीं था। पुलिस ने सबको जेल भेजने की चेतावनी दी तो शांत हुए। पुलिस ने मौके पर ही एक पक्ष से रामवीर और धीरेन्द्र तथा दूसरे पक्ष से अली अहमद और हसरुद्दीन को हिरासत में ले लिया। अली अहमद गांव का पूर्व प्रधान है। अली अहमद ने ही रिहाइशी मस्जिद के लिए जमीन दी थी।
इस घटनाक्रम की किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। मौके पर पुलिस अधीक्षक पीयूष श्रीवास्तव, सहायक पुलिस अधीक्षक पवित्र मोहन त्रिपाठी, पुलिस क्षेत्राधिकारी पटियाली कर्मवीर सिंह और उप जिलाधिकारी पहुंचे। दोनों पक्षों से बातचीत की। कोई सुनने को तैयार नहीं था। पुलिस ने सबको जेल भेजने की चेतावनी दी तो शांत हुए। पुलिस ने मौके पर ही एक पक्ष से रामवीर और धीरेन्द्र तथा दूसरे पक्ष से अली अहमद और हसरुद्दीन को हिरासत में ले लिया। अली अहमद गांव का पूर्व प्रधान है। अली अहमद ने ही रिहाइशी मस्जिद के लिए जमीन दी थी।
भारी सुरक्षा के बीच सुबह की नमाज हुई
सोमवार को सहरी के बाद सुबह चार बजे की नमाज पुलिस ने अपनी देखरेख में कराई। गांव में भारी पुलिस तैनात कर दिया गया है। थाना सिकंदरपुर वैश्य के प्रभारी राजेश मीणा ने बताया कि अभी मुकदमा दर्ज नहीं है। दोनों पक्षों में समझौता कराने का प्रयास किया जा रहा है। फिलहाल शांति है। पुलिस की नजर सब पर है।
सोमवार को सहरी के बाद सुबह चार बजे की नमाज पुलिस ने अपनी देखरेख में कराई। गांव में भारी पुलिस तैनात कर दिया गया है। थाना सिकंदरपुर वैश्य के प्रभारी राजेश मीणा ने बताया कि अभी मुकदमा दर्ज नहीं है। दोनों पक्षों में समझौता कराने का प्रयास किया जा रहा है। फिलहाल शांति है। पुलिस की नजर सब पर है।