अमांपुर में रविवार देर शाम इलेक्ट्रोनिक कारोबारी आकाश गुप्ता पुत्र उमेश गुप्ता अपने भाई दीपक, सोनू, अंकित और पड़ोसी शिवम के साथ रामलीला देखने गया था। बताया गया है कि ये लोग अग्रवाल धर्मशाला के पास खड़े हुए थे। उसी समय वहां आए दूसरे समुदाय के युवकों से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। समुदाय विशेष के युवकों ने तीनों युवा कारोबारियों पर फायरिंग कर दी। फायरिंग से रामलीला मैदान में भगदड़ मच गई। आकाश गुप्ता के गोली लगते ही वह खून से लथपथ होकर जमीन पर गिर पड़ा। सोनू और शिवम के भी छर्रे लगे, जिससे वे घायल हो गए। दीपक और अंकित ने जैसे तैसे उन्हें संभाला और पुलिस को सूचना दी।
उधर अमांपुर में हुई इस घटना से पुलिस प्रशासन के होश उड़ गए। क्योंकि मामला 26 जनवरी को कासगंज की तिरंगा यात्रा से मिलता जुलता ही था। कासगंज में चंदन की हत्या के बाद पूरा कासगंज झुलस उठा था। इस बार भी वैश्य कारोबारी निशाना बना और वो भी समुदाय विशेष के युवकों द्वारा। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने रामलीला को बंद करा दिया। युवा कारोबारी के पिता उमेश गुप्ता ने बताया कि उनके पुत्रों पर हमला करने वाले कस्बा के रहने वाले इशरार के पुत्र हैं। इशरार के पुत्रों ने साथियों के साथ फायरिंग की।