कासगंज

संसार में बेकार क्या है मक्खी या मकड़ी, पढ़िए आँखें खोल देने वाली ये कहानी

दुश्मन राजा के सैनिक राजा को ढूंढते हुए गुफा के नजदीक पहुंचे। द्वार पर मकड़ी का जाला देख कर आपस में कहने लगे- “अरे चलो आगे! इस द्वार में राजा आया होता तो द्वार पर बना यह जाला क्या नष्ट न जाता।”

कासगंजFeb 16, 2019 / 07:21 am

suchita mishra

story

एक राजा था उसने आज्ञा दी कि संसार में इस बात की खोज की जाए कि कौन से जीव जंतुओं का उपयोग नहीं है। बहुत खोजबीन करने के बाद उन्हें जानकारी मिली कि संसार में जंगली मक्खी और मकड़ी बिल्कुल बेकार है।

राजा ने सोचा क्यों न इन जंगली मक्खी और मकड़ियों को खत्म कर दिया जाए। इसी बीच राजा पर एक अन्य शक्तिशाली राजा ने आक्रमण कर दिया। युद्ध में राजा की हार हुई और जान बचाने के लिए उन्हें राजपाट छोड़कर जंगल में जाना पड़ा। दुश्मन के सैनिक उनका पीछा करने लगे।

काफी दौड़ भाग के बाद राजा ने अपनी जान बचाई और छुपकर एक पेड़ के नीचे सो गए। तभी एक जंगली मक्खी ने उनकी नाक पर डंक मारा उससे राजा की नींद खुल गई। उन्हें ख्याल आया कि खुले में सोना सुरक्षित नहीं है और वह गुफा में जा छुपे। राजा के गुफा में जाने के बाद मकड़ी ने गुफा का द्वार जाले से बंद कर दिया।

तभी दुश्मन राजा के सैनिक राजा को ढूंढते हुए गुफा के नजदीक पहुंचे। द्वार पर मकड़ी का जाला देख कर आपस में कहने लगे- “अरे चलो आगे! इस द्वार में राजा आया होता तो द्वार पर बना यह जाला क्या नष्ट न जाता।”
यह कहकर दुश्मन राजा के सैनिक आगे निकल गए।

गुफा में छुपा बैठा राजा यह सब बातें सोच रहा था कि इस संसार में कोई भी प्राणी बेकार नहीं है। अगर जंगली मक्खी और मकड़ी ना होते तो उसकी जान नहीं बचती।
सीख
इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि भगवान की बनाई दुनिया में हर चीज का अपना मोल है कब कहां किस की जरूरत पड़ जाए।

प्रस्तुतिः हरिहरपुरी

 

Home / Kasganj / संसार में बेकार क्या है मक्खी या मकड़ी, पढ़िए आँखें खोल देने वाली ये कहानी

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.