चारों ओर भक्तों का सैलाब
देवों के देव देवाधिदेव महादेव भगवान भोलेनाथ हैं, जिनकी भक्ति हरकोई करता है। श्रावण मास में उनकी पूजा और कांवड़ में जलकर भरकर चढ़ाने का सबसे ज्यादा महत्व है। इसी को लेकर भगवान भोले की आराधना करने के लिए कांवड़ियों के जत्थे सोरों सूकर क्षेत्र के लहरा गंगाघाट पर पहुंच रहे हैं। उन्होंने आज श्रावण मास के पहले दिन सैकड़ों की संख्या में कांवडियों ने लहरा गंगाघाट पर पहुंच कर स्नान किया और पूजा अर्चना की। बाद में नगें पैरों में घुंघरू, लवों पर हर हर भोले के जयकारों के साथ गेरूआ वस्त्रधारी कावंड़ियों का जज्बा और उत्साह के साथ कंधे पर कांवड़ रख कर निकल पडे हैं। चारों ओर वातावरण भोले की भक्ति में लीन हो गया। आज से शुरू होकर एक माह तक चलने वाले श्रावण मास मैले की तैयारियां भी सोरों से लहरा गंगाघाट तक जोर शोर से चल रही हैं। जगह- जगह कांवड़ की दुकानों को सजाया संवारा जा रहा है।
देवों के देव देवाधिदेव महादेव भगवान भोलेनाथ हैं, जिनकी भक्ति हरकोई करता है। श्रावण मास में उनकी पूजा और कांवड़ में जलकर भरकर चढ़ाने का सबसे ज्यादा महत्व है। इसी को लेकर भगवान भोले की आराधना करने के लिए कांवड़ियों के जत्थे सोरों सूकर क्षेत्र के लहरा गंगाघाट पर पहुंच रहे हैं। उन्होंने आज श्रावण मास के पहले दिन सैकड़ों की संख्या में कांवडियों ने लहरा गंगाघाट पर पहुंच कर स्नान किया और पूजा अर्चना की। बाद में नगें पैरों में घुंघरू, लवों पर हर हर भोले के जयकारों के साथ गेरूआ वस्त्रधारी कावंड़ियों का जज्बा और उत्साह के साथ कंधे पर कांवड़ रख कर निकल पडे हैं। चारों ओर वातावरण भोले की भक्ति में लीन हो गया। आज से शुरू होकर एक माह तक चलने वाले श्रावण मास मैले की तैयारियां भी सोरों से लहरा गंगाघाट तक जोर शोर से चल रही हैं। जगह- जगह कांवड़ की दुकानों को सजाया संवारा जा रहा है।
ये बोले भक्त
मध्यप्रदेश के मुरैना से कावंड़ भरने आये राघवेन्द्र तोमर, रामवीर सिंह तोमर ने बताया कि वह लगातार 12 सालों से कांवड़ भरने आते हैं, लेकिन हैरानी की बात तो है कि सोरों लहरा गंगाघाट पर जिला प्रशासन और नगर पालिका द्वारा कोई सुरक्षा और स्वच्छता के इंतजाम नहीं किए गए हैं। गंगा किनारे जगह जगह पड़े गंदगी के ढेर कांवडियों की आस्था और श्रद्धा को ठेस पहुंचा रहे हैं।
मध्यप्रदेश के मुरैना से कावंड़ भरने आये राघवेन्द्र तोमर, रामवीर सिंह तोमर ने बताया कि वह लगातार 12 सालों से कांवड़ भरने आते हैं, लेकिन हैरानी की बात तो है कि सोरों लहरा गंगाघाट पर जिला प्रशासन और नगर पालिका द्वारा कोई सुरक्षा और स्वच्छता के इंतजाम नहीं किए गए हैं। गंगा किनारे जगह जगह पड़े गंदगी के ढेर कांवडियों की आस्था और श्रद्धा को ठेस पहुंचा रहे हैं।