क्या है मामला दरअसल योगी सरकार ने 14वें वित्त आयोग के प्रत्येक गांव में अंधेरा मुक्त करने के लिए सोलर लाइटें लगाने के निर्देश दिए थे, लेकिन अधिकतर गांवों में पैसा भी निकल गया लेकिन लाइटें नहीं लगीं। जब इस मामले की जांच पंड़ताल मीडियाकर्मियों को हुई तो उन्होंने अमांपुर विकास खंड क्षेत्र के गांव रामपुर सिद्धपुर में जा पहुंचे, गांव के प्रधान सुमन से हुई बातचीत में पता चला कि 15 माह पहले लाइटें लगवाने के लिए भगवान दास नाम के ग्राम पंचायत सचिव 82 हजार रूपएये का चेक कटवा ले गएय, लेकिन लाइटें अभी तक नहीं लगी हैं। ग्राम पंचायत सचिव साहब की कारतूत का यह रामपुर सिद्धपुर गांव का मामला नहीं है, उनकी पंचायत के गांव सरसई वन, फिरोजपुर, रामपुर सिद्धपुर, बराहनगर, सरसवा का भी यह हाल है, जबकि ग्राम प्रधानों से चेक लेकर सचिव भगवान दास ने लाखों रूपये निकल लिए।
अभियोग दर्ज कराया जाएगा इस मामले में जिला पंचायत राज अधिकारी विश्वनाथ सिंह से वार्तालाप की गई तो उन्होंने बताया कि यह मेरे कार्यकाल का मामला नहीं है, पूर्व में रही सरनजीत सिंह कौर जिला पंचायत राजअधिकारी के कार्याकाल का मामला है। उन्होंने बताया कि इन्हें दो चार दिन का मौका दिया जाता है, अगर इसके बावजूद भी इन गांव में लाइटें नहीं लगाई जाती हैंं तो इनके खिलाफ अभियोग दर्ज कराया जायेगा। अब देखना होगा कि योगी सरकार के नुमाइदें कब तक इन ग्राम पंचायतों में सोलर लाइटें लगवा पाते हैं या फिर यूं ही सोलर लाइटों के नाम पर निकाले गए लाखों रूपए ग्राम पंचायत सचिव गबन कर लेगा।