यह भी पढ़ें योगी सरकार से बहुत नाराज हैं यहां के लोग, अर्धनग्न तक हो गए शूकर क्षेत्र का महत्व आपको बता दें कि सोरों शूकर क्षेत्र में भगवान वाराह ने हिरणाक्ष का वध कर इस हरपदीय कुंड में अपने प्राणों को त्याग दिया था। तभी से इस कुंड में स्नान करने की पंरपरा चल रही है। पहली विशेषता इस कुंड की ये है कि जो अपने पूर्वजों की अस्थियां विसर्जित करता है, उनकी आत्माओं को शांति मिलती है। दूसरी विशेषता जो कुंड में अस्थियां विसर्जित होती है, वह मात्र 72 घंटे में पानी में घुल मिल जाती है। तीसरी विशेषता कुंड में स्नान करने वाला व्यक्ति समस्त पापों से मुक्त हो जाता है। इसे हाड़ गंगा भी कहते हैं। इसी तरह के तमाम रहस्य इस तीर्थ नगरी में छिपे हुए हैं।
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गणेश प्रतिमा में पांच भगवान इसी तरह का एक और अद्भुत चमत्कार हो रहा है। गणेश भगवान की प्रतिमा में पांच भगवान दिखाई देते हैं। इसलिए इनका नाम पंचम गणेश भगवान रखा गया है। इस मंदिर के पुजारी सरवन दौनेरिया की मानें तो उन्हें यह प्रतिमा संत ने दो फुट की दी थी, लेकिन अब ये प्रतिमा आकस्मिक बढ़कर चार फुट की हो गई है। जो इस पंचम गणेश भगवान दर्शन करता है, उसके सारी मनोकामनाए पूरी हो जाती है। सरवन ने बताया कि इनकी पूजा करने के लिए लोग देशभर के लोग यहां आते है। 21वर्षों से गणेश चतुर्थी के अवसर पर भंडारा होता है।
गणेश प्रतिमा में पांच भगवान इसी तरह का एक और अद्भुत चमत्कार हो रहा है। गणेश भगवान की प्रतिमा में पांच भगवान दिखाई देते हैं। इसलिए इनका नाम पंचम गणेश भगवान रखा गया है। इस मंदिर के पुजारी सरवन दौनेरिया की मानें तो उन्हें यह प्रतिमा संत ने दो फुट की दी थी, लेकिन अब ये प्रतिमा आकस्मिक बढ़कर चार फुट की हो गई है। जो इस पंचम गणेश भगवान दर्शन करता है, उसके सारी मनोकामनाए पूरी हो जाती है। सरवन ने बताया कि इनकी पूजा करने के लिए लोग देशभर के लोग यहां आते है। 21वर्षों से गणेश चतुर्थी के अवसर पर भंडारा होता है।