सरकारी गौशाला बनी गौमाता की कब्रगाह, 650 में 450 गायों की मौत, देखें वीडियो
कासगंजPublished: Apr 30, 2019 08:33:54 pm
कासगंज की मंडी समिति गौशाला में पिछले छह महीनों में देखभाल के अभाव में साढ़े चार सौ गयों की मौत हो चुकी है।
सरकारी गौशाला बनी गौमाता की कब्रगाह, 650 में 450 गायों की मौत, देखें वीडियो
कासगंज। उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में सरकारी गौशाला में गायों के मरने का सिलसिला थम नहीं रहा है। हर रोज गौवंश की मौत के मामले सामने आ रहे हैं। कासगंज की मंडी समिति गौशाला में पिछले छह महीनों में देखभाल के अभाव में साढ़े चार सौ गयों की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद शासन-प्रशासन गहरी नींद में सो रहा है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने किसानों की फसलों को दृष्टिगत रखते हुए आवरा गोवंशों को गोशाला में रक्षित करने के लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिए थे। इसके बाद जिला प्रशासन ने जिले में छह अस्थाई गौशालाएं बनाई थी। इनसमें आवरा गौवंशों को आनन-फानन में रक्षित किया गया। तमाम समाज सेवियों ने भी गौशालाओं में दान के रूप में प्रशासन को भूसा, चारा के अलावा खाद्य सामग्री मुहैया कराई, ताकि गौवंशों को समय से चारा पानी मिलता रहे। बदलते दौर में प्रशासन गौवंशों को गौशालाओं में कैद कर भूल गया।
सिर्फ 150 गौवंश बचे
कासगंज की मंडी गौशाला की बात की जायें, तो शुरूआती दौर में छह सौ गौवंश थे, लेकिन इस वक्त मात्र 150 गोवंश है। स्थानीय लोग शिशुपाल और विजय कुमार की मानें तो प्रचंड गर्मी और चारा, पानी के अभाव में हर रोज दो चार गौवंशों की दम तोड़ने की खबर आने लगी हैं। यही कारण है कि पिछले छह माह में छह सौ में से साढ़े चार सौ गौवंश काल के गाल में समा चुके हैं। सरकारी नुमाइंदे जेसीबी से अंतिम संस्कार कराकर अपनी जिम्मेदारी मान रहे हैं। आलम यह है कि जानबूझकर अनजान बने हुए हैं। चारा के स्टाक खत्म हो गया है। दूषित पानी पीने को मजबूर हैं।
क्या कहा एडीएम ने
जब इस मामले में गोवंशो की जिम्मेदारी सभाल रहे अपर जिलाधिकारी योगेन्द्र कुमार कासगंज से बात की गई तो वह पहले छह सौ की बात किया करते थे, लेकिन गौवंशों के मरने के बाद अब साढ़े तीन सौ की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर गौशाला में कोई व्यवस्था नहीं है, तो मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (सीवीओ) को भेजकर दिखवाता हूं।