पुलिस की नाक नीची करने वाला यह कारनामा किया है कि दरोगा सुखवीर सिंह ने। गंजडुंडवारा थाने में तैनात दारोगा अपने नाम के मुताबिक काम करते हैं। खुद सुख में और दूसरे दुख में। दारोगा ने बिना जांच पडताल के बेगुनाह दिव्यांग जाकिर निवासी छितैरा को गुनहगार साबित कर दिया। पहले तो छोटा हाथी वाहन संख्या यूपी 87टी 1959 का स्वामी बना दिया। बाद में उसी छोटा हाथी को पशुओं की चोरी में दिखा दिया। आवास पर बैठकर विवेचना कर ली। गुनहगार बताते हुए जाकिर के खिलाफ आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया। जाकिर को जब न्यायालय से इस बारे में सूचना मिली तो उसके होश उड़ गए। वह इस झूठी कार्रवाई से बचने के लिए एसपी अशोक कुमार के दरबार में पहुंचा। प्रार्थनापत्र देकर बताया कि साहब में जन्म से विकलांग हू, मेरे पास कोई वाहन नहीं है, इसके बावजूद गंजडुंडवारा थाना पुलिस ने मुझे आरोपी बना दिया। साहब मुझे इस जालिम दारोगा से बचाइए।