स्पर का नोज ध्वस्त
महानंदा के बढ़ते जल स्तर के बीच स्पर का नोज 40 से 50 मीटर की परिधि में ध्वस्त हो गया है। जिसके बाद से स्थानीय लोग और तटवर्ती इलाकों में बसे लोग भयभीत होने लगे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि बाढ़ पूर्व कराई गई एंटीरोजन कार्य में संवेदक ने बड़ी लापरवाही बरती है। नोज 15 के वाटर लेबल बेस में किसी तरह का बाढ़ पूर्व सुरक्षात्मक कार्य नहीं किया गया। जिसके चलते नोज ध्वस्त हो गया। गौरतलब है कि अतिसंवेदनशील बिंदु 15 अगर टूटता है तो ऐसी स्थिति में बारसोई अनुमंडल को बड़ी तबाही से कोई बचा नहीं सकता है।
महानंदा में जलवृद्धि
सालमारी डिवीजन के झौआ में महानंदा नदी का जलस्तर प्रति घंटा एक सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही है। क्रमश: बहरखाल स्पर 15, रिंग बांध 56, धबौल अप स्ट्रीम डाउन स्ट्रीम की भी कुछ ऐसी हीं स्थिति बनी हुई है. जहां घटते बढ़ते जलस्तर के बीच नीचले क्षेत्रों सहित तटबंध के अंदर रह रहे लोगों को भी अब बाढ़ का भय सताने लगा है।
तराई इलाकों में बारिश
अररिया जिले सहित नेपाल के तराई इलाकों में लगातार बारिश से सिकटी प्रखंड से होकर बहनेवाली बकरा और नूना नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। इससे बाढ़ की आशंका से लोग भयभीत हैं। बकरा के जलस्तर में तेज वृद्धि के कारण कई घाटों के चचरी पुल बह गये। कुर्साकांटा जाने में अब लोगों को लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है, वहीं, नूना के बढ़े जलस्तर ने नदी किनारे बाढ़ नियंत्रण के लिए किये गये उपायों की पोल खोल दी है।