scriptयहां सरकारी रवैये तंग आकर हवाई पट्टी बना दी खेत, हवाई जहाज हो गए कबाड़ | Here fed attitude of govt, airstrip became farm, airplanes became junk | Patrika News

यहां सरकारी रवैये तंग आकर हवाई पट्टी बना दी खेत, हवाई जहाज हो गए कबाड़

locationकटिहारPublished: Sep 16, 2020 05:57:54 pm

Submitted by:

Yogendra Yogi

(Katihar News) बिहार (Bihar News ) का नाम घोटालों, भ्रष्टाचार और (Defame Bihar ) अपराधों को लेकर बदनाम होता आया है किन्तु आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जिस दौर में लोग बैलगाडिय़ों में सफर किया करते थे, उस दौर में बिहार में हवाई (Here once was aeroplanes ) जहाज उड़ा करते थे। वक्त ने ऐसी करवट बदली कि हवाई पट्टी पर खेती होने लगी है और हवाई जहाज ऐसे रखे हुए हैं, जैसे घरों में कबाड़ हुए वाहन रखे रहते हैं।

यहां सरकारी रवैये तंग आकर हवाई पट्टी बना दी खेत, हवाई जहाज हो गए कबाड़

यहां सरकारी रवैये तंग आकर हवाई पट्टी बना दी खेत, हवाई जहाज हो गए कबाड़

कटिहार(बिहार): (Katihar News) बिहार (Bihar News ) का नाम घोटालों, भ्रष्टाचार और (Defame Bihar ) अपराधों को लेकर बदनाम होता आया है किन्तु आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जिस दौर में लोग बैलगाडिय़ों में सफर किया करते थे, उस दौर में बिहार में हवाई (Here once was aeroplanes ) जहाज उड़ा करते थे। कटिहार जिले में हवाई जहाजों को उडऩे और उतरने के लिए हवाई पट्टी भी थी। वक्त ने ऐसी करवट बदली कि हवाई पट्टी पर खेती होने लगी है और हवाई जहाज ऐसे रखे हुए हैं, जैसे घरों में कबाड़ हुए वाहन रखे रहते हैं।

जोर पकडऩे लगी एयरपोर्ट की मांग
हवाई जहाजों की यह गौरवमयी दास्तां है कटिहार के एक नामी घराने की। चुनाव का मौसम आते ही कटिहार में एक बार फिर एयरपोर्ट बनाने की मांग बल पकडऩे लगी है। हालांकि यह मांग बेहद कमजोर है। इसलिए निकट भविष्य में इसके पूरे होने के आसार नहीं है, जब तक यह मांग पूरी नहीं होती तब तक हवाई पट्टी और कबाड़ में तब्दील हुए हवाई जहाज के अवेशष ही लोगों की स्मृतियों को सुकून पहुंचाते रहेंगे।

पहले एयरपोर्ट था
कटिहार के कुसेलज़ में कुसेलज़ में पहले एयरपोर्ट था। कटिहार के कुसेलज़ में रायबहादुर का खिताब रखने वाले रघुवंश नारायण सिंह की भी निजी हवाई पट्टी और निजी प्लेन हुआ करता था। लगभग 25 एकड़ में एयरपोटज़् के साथ-साथ दो हवाई जहाज बिचक्राफ्ट बनाजा और अरुणकासिडेन उस समय इस परिवार के पास हुआ करता था. आजादी के पहले बिहार में सिर्फ तीन जगह हवाई पट्टी हुआ करती थी। इनमें कुसेलज़ की हवाई पट्टी भा शामिल थी।

सरकारी रवैये से तंग आकर करवा दी खेती
कुसेलज़ स्टेट की विरासत संभालने वालों ने राज्य सरकार के रवैये से परेशान होकर एयरपोर्ट की जगह को खेत बना दिया। स्थानीय लोग कहते हैं कि जिस जगह एयरपोर्ट था, उस जगह का अधिग्रहण कर सरकार वहां चरवाहा विद्यालय खोलना चाहती थी। चरवाहा विद्यालय खोलने की चचार्ओं के बाद ही रघुवंश नारायण सिंह के पौत्र प्रकाश और पंकज सिंह ने एयरपोर्ट को जुतवा दिया और खेती करवाने लगे थे।

कबाड़ बन चुके हैं हवाई जहाज
रखरखाव के अभाव में रघुवंश सिंह के दो हवाई जहाज कबाड़ में बदल चुके हैं। पूर्व सांसद नरेश यादव कहते हैं कि उन्होंने उस परिवार को संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव भी दिया था, लेकिन किन्हीं कारणों से परिवार वाले तैयार नहीं हुए। अब अगर कटिहार के साथ-साथ पूर्णिया और भागलपुर से सटे कुसेलज़ में हवाई अड्डा बन जाए तो यहां की बड़ी आबादी को लाभ होगा। इस इलाके का इतिहास काफी समृद्ध है। अगर सरकार ध्यान दे तो संग्रहालय बन सकता है।

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