कटिहार लोकसभा
कटिहार लोकसभा क्षेत्र से कुल 9 लोग मैदान में हैं। इनमें से दो लोग निर्दलीय तो बाकी दलों के चुनाव चिन्ह के साथ भाग्य आजाम रहे हैं। यहां से कांग्रेस के तारीक अनवर महागठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे है। तारीक अनवर की गिनती राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दिग्गज नेताओं में होती थी। वह 2014 में राकांपा के टिकट पर यहां से चुनाव में विजयी हुए थे। पर इस बार उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम कर मैदान में उतरना मुनासिब समझा। बीजेपी इस सीट पर जीत हासिल करती आई है पर इस बार एनडीए के सीट शेयरिंग फार्मूले के तहत यह सीट जदयू के खाते में चली गई। जदयू ने पूर्व मंत्री दुलालचंद गोस्वामी पर दांव खेला है।
किशनगंज सीट
किशनगंज सीट की बात करे तो कुल 14 उम्मीदवार यहां से ताल ठोक रहे हैं। विभिन्न दलों के 9 उम्मीदवारों के साथ 5 निर्दलीय उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं। पिछली बार यहां से कांग्रेस के अशरारूल हक़ चुनाव जीते थे। इस बार कांग्रेस की ओर से मो.जावेद मैदान में है। वहीं जदयू ने मो.अशरफ को प्रत्याशी बनाया है। खास बात यह है कि इस बार राज्य में अस्तित्व की तलाश कर रहे आम आदमी पार्टी और शिवसेना ने भी यहां से उम्मीदवार उतारा है।
पूर्णियां संसदीय सीट
पूर्णियां संसदीय सीट से 16 प्रत्याशियों की किस्मत दांव पर लगी है। पांच दलिय उम्मीदवारों के साथ 11 निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में है। खास बात यह है कि इस सीट पर पिछली बार के प्रतिद्धंदी फिर एक दूसरे के सामने खडे है। 2014 में जदयू के संतोष कुशवाहा ने भाजपा के उम्मीदवार उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को 1.20 लाख वोटों से मात देकर विजय प्राप्त की थी। जदयू ने फिर से संतोष कुशवाहा पर विश्वास जताया है। वहीं उदय सिंह ने इस बार भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थामा और मैदान में ताल ठोंक दी है। उदय सिंह पिछली बार का बदला लेने को तैयार है तो जदयू के सामने जीत दोहराने की चुनौती है।
बांका लोकसभा सीट
बांका लोकसभा सीट से कुल 20 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। जिनमें 13 निर्दलीय तो 7 उम्मीदवार दलों के साथ रहते हुए चुनावी जंग लड़ रहे हैं। महागठबंधन के सीट बंटवारे में आरजेडी के खाते में यह सीट गई है। पार्टी ने मौजूदा सांसद जयप्रकाश नारायण यादव को फिर मौका दिया है। वहीं एनडीए की ओर से जदयू के विधायक गिरिधारी लाल यादव मैदान में है। सीट बंटवारे के तहत भाजपा से सीट छीन जाने के बाद नाराज चल रही पूर्व सांसद पुतुल कुमारी यहां जदयू के लिए चुनौती बनती दिख रही है। नाराज पुतुल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। बता दें कि 2009 में निर्दलीय केंडिडेट दिग्विजय सिंह ने आरजेडी के जयप्रकाश यादव भारी मतों से शिकस्त दी थी। सिंह की मौत के बाद हुए उपचुनाव हुआ तो भाजपा ने उनकी पत्नी पुतुल कुमारी को मैदान में उतारा। आरजेडी को हराकर पुतुल ने बाजी मार ली। 2014 में जयप्रकाश नारायण यादव ने पुतुल को हराया दिया।
भागलपुर
भागलपुर से 9 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें तीन निर्दलीय है। 2014 में आरजेडी के बुलो मंडल ने यहां जीत हासिल की थी। जदयू ने नाथनगर के विधायक अजय मंडल पर भरोसा जताया हैं। 2014 के चुनाव में आरजेडी के शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल ने कड़े मुकाबले में शाहनवाज़ हुसैन को पराजित किया था।