पर्यावरण मंत्रालय से मिली एनओसी
सिक्किम को रेल से जोडऩे के लिए वर्ष 2008-09 में योजना तैयार की गई थी। रेल लाहन महानंदी वन्य जीव अभ्यारण्य होकर गुजारे जाने के कारण वन व पर्यावरण मंत्रालय द्वारा एनओसी नहीं मिल पाने के कारण योजना पर तेज गति से काम शुरू नहीं हो पाया था। सामरिक महत्व के इस महत्वपूर्ण रेल परियोजना अनापत्ति प्रमाणपत्र मिलने तथा रेल लाइन के बीच आने वाली आबादी को वहां से हटाकर अन्यत्र पुर्नवासित करने की तकनीकी बाधा दूर होने के बाद इसमें गति आई है।
कुल लागत 8900 करोड़
44.96 किमी लंबी रेल लाइन बिछाने पर 8900 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। 41.55 किमी रेल लाइन पश्चिम बंगाल तथा 3.41 किमी सिक्किम के भू भाग में बिछाया जाएगा। जुलाई माह तक इस परियोजना पर 335.52 करोड़ की राशि खर्च की जा चुकी है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 607 करोड़ का आवंटन किया गया है। रेल लाइन पश्चिम बंगाल के सेवक से सिक्किम के रोंग्पी तक जाएगी। पूसी रेलवे के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी शुभानन चंद्रा ने बताया कि पिछले पांच वर्षों के दौरान पूर्वोत्तर के राज्यों में रेल क्षेत्र का तेजी से विस्तार किया जा रहा है।
मानसून मे बंद हो जाता है मार्ग
फिलहाल सिक्किम राज्य केवल सड़क के माध्यम से जुड़ा है। यहां से राष्ट्रीय राजमार्ग 10/31 होकर गुजऱता है। यह काफी दुर्गम इलाका है और मॉनसून के दौरान इलाके की सड़क अक्सर चट्टानों के खिसकने से बंद हो जाती है। यहां की सड़क पर ज़रूरत से ज्यादा दबाव होने से इलाके में ट्रैफिक जाम की भी समस्या बहुत बड़ी हो गई है। इसलिए रेल लाइन बनने से इलाके के लोगों को बड़ी राहत मिलने वाली है।
45 किलोमीटर में 14 सुरंगें
कऱीब 45 किलोमीटर की इस रेल लाइन का 86 फीसदी हिस्सा सुरंग से होकर गुजऱेगा। इससे रेल लाइन के बनने से सिक्किम के इको सिस्टम को कम से कम नुकसान पहुंचेगा। इस रूट पर 41 किलोमीटर से ज्यादा रेल लाइन पश्चिम बंगाल में जबकि 4 किलोमीटर से भी कम सिक्किम में होगा। इस रूट पर 14 सुरंग जबकि 24 छोटे-बड़े पुल मौजूद होंगे। रेलवे इस प्रोजेक्ट पर 4000 करोड़ रुपये से ज्यादा ख़र्च करने जा रहा है। शिवोक से रंगपो के बीच ट्रेन का सफर 2 घंटे से भी कम का होगा। रंगपो से सड़क के रास्ते गंगटोक तक एक घंटे में पहुंचा जा सकता है।
आधारभूत संरचना में महत्पूर्ण
शिवोक-रंगपो रेल लाइन सिक्किम को रेल लाइन से पूरे भारत से जोडऩे वाली लाइन होगी। न्यू जलपाइगुड़ी- अलीपुरद्वार- गुवाहाटी रेल लाइन पर शिवोक स्टेशन मौजूद है। यह स्टेशन न्यू जलपाइगुड़ी से 35 किलोमीटर दूर है जबकि रंगपो स्टेशन सिक्किम की सीमा पर मौजूद है। अब तक रेल लाइन से जुड़ा नहीं होने के कारण सिक्किम तक पहुंचने के लिए सिलीगुड़ी से लोगों को सड़क मार्ग का सहारा लेना पड़ता है। आवश्यक सामानों की ढुलाई एवं आधारभूत संरचना के विकास में भी यह रेल परियोजना महत्वपूर्ण साबित होगा।
100 किमी की होगी स्पीड़
इस रेल लाइन पर ट्रेन 100 किमी प्रतिघंटा की गति से चलेगी। मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी चंद्रा के मुताबिक पिछले पांच वर्षों के दौरान पूर्वोत्तर के राज्यों में रेल क्षेत्र का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। अरूणाचल प्रदेश के लाहरलगुन तक सीधी रेल सेवा है। अरूणाचल में कुछ अन्य रेल परियोजनाओं का काम भी प्रस्तावित है। नार्थ ईस्ट में रेलवे का विकास होने से स्थानीय लोगों सहित देश के दूसरे राज्यों के लोगों को आवागमन में सुविधा होगी। साथ ही लोगों को एक दूसरे की संस्कृति से अवगत होने का मौका भी सुलभ होगा।