scriptयहां बड़ी संख्या में महक रहे हैं विवेकानंद और योगी आदित्यनाथ… | Vivekananda and Yogi Adityanath are smelling here in large numbers ... | Patrika News

यहां बड़ी संख्या में महक रहे हैं विवेकानंद और योगी आदित्यनाथ…

locationकटिहारPublished: May 31, 2020 07:26:18 pm

Submitted by:

Yogendra Yogi

(Bihar News) आप आम खरीदने (News variety of mangoes ) जाएं और दुकानदार आपसे कहे कि विवेकानंद या योगी आदित्यानाथ की आम की किस्म बहुत स्वादिष्ट है, तो एकबारगी तो चौंकना लाजिमी है कि भला ये कैसे आमों के नाम हैं। जी हां, बिल्कुल सही है, ये आमों के ही ( Mangoes named on great men ) नाम हैं। ऐसे विवेकानन्द और योगी आदित्यानाथ बड़ी संख्या में पेड़ों पर लदे हुए सुगंध बिखेर रहे हैं।

यहां बड़ी संख्या में महक रहे हैं विवेकानंद और योगी आदित्यनाथ...

यहां बड़ी संख्या में महक रहे हैं विवेकानंद और योगी आदित्यनाथ…

कटिहार(बिहार): (Bihar News) आप आम खरीदने (News variety of mangoes ) जाएं और दुकानदार आपसे कहे कि विवेकानंद या योगी आदित्यानाथ की आम की किस्म बहुत स्वादिष्ट है, तो एकबारगी तो चौंकना लाजिमी है कि भला ये कैसे आमों के नाम हैं। जी हां, बिल्कुल सही है, ये आमों के ही ( Mnagoes named on great men )नाम हैं। ऐसे विवेकानन्द और योगी आदित्यानाथ बड़ी संख्या में पेड़ों पर लदे हुए सुगंध बिखेर रहे हैं।

30 किस्मों के आम
लॉक डाउन के इस दौर में जहां हर कोई अपने जीविकोपार्जन के लिए परेशान है, वहीं यदि आमों के बगीचे में बड़ी संख्या में आम अपनी महक बिखेर रहे हों तो मालिक के चेहरे पर चमक और होठों पर मुस्कान आना लाजिमी है। यही भावभंगिमा है कटिहार के कालीदास बनर्जी की। इनके आम के बगीचे में आमों की बहार आई हुई है। बगीचे में 30 किस्मों के करीब 450 आमों के पेड़ों पर आम झूम रहे हैं। मेहनत और कुदरत की मेहरबानी से इस साल ज्यादातर पेड़ आमों से लहलहा रहे हैं।

योगी से मिलते हैं आम
आमों के नामकरण के बारे में कालीदास कहते हैं कि आमों के नई किस्मों के नाम रखने पर विचार किया तो लगा कि चर्चित और महापुरुषों के नाम पर किस्मों के नाम रखे जाने चाहिए। बस यही एक कारण था विवेकानन्द, चितरंजन बोस और योगी के नाम से आमों के नाम रखे जाने का। इसमें कोई राजनीति नहीं हैं। यह महज संयोग है। योगी आम का नाम इसलिए रखा गया कि इस किस्म के आमों की पहचान कुछ अलग है। इस आम का रंग कुछ गेरुआ और मिठास व आकृति भी दूसरे आमों से कुछ अलग है। बस इसलिए इसका नाम योगी आम रख दिया।

एक पेड़ पर 150 किस्म की रिसर्च
कालीदास को इस इलाके के लोग प्यार से काली दा कहकर बुलाते हैं। इनके आमों के बगीचे में एक ही पेड़ पर 150 किस्मों के आम उगाने की रिसर्च चल रही है। काली को उम्मीद है, जल्दी ही उनका यह प्रयास साकार रूप ले सकेगा। काली दा के परिवार में आमों का व्यवसाय कई पीढिय़ों से चल रहा है। आस-पास के पूरे इलाके में उनके परिवार का नाम है। दूर-दराज से लोग उनसे आमों के बारे में मशवरा लेने आते हैं। कुछ तो केवल उनके बगीचे को देखने ही आते हैं। परंपरागत आमों की खेती और नए-नए शोध कार्यों के कारण कृषि विभाग उन्हें कई बार सम्मानित कर चुका है।

कृषि विभाग से मिल चुका सम्मान
इस बगीचे के विवेकानंद और चितरंजन आम भी खास पहचान देते हैं. कालीदास के बगीचे के आम को ना केवल आम और खास लोग विशेष तवज्जो देते हैं। कटिहार जिले का कृषि विभाग भी इसके लिए ख़ास सम्मान रखता है। काली बनर्जी को भी कृषि विभाग एवं अन्य संस्थाओं की ओर से सम्मान प्राप्त हो चुका है। कालीदास कहते हैं कि मैं एक ही पेड़ में 150 वैरायटी के आम पैदा करने पर काम कर रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि इस दिशा में जल्द ही सफलता मिलेगी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो