यहां की गाडिय़ां ज्यादा खराब
– कुठला
– रीठी
– माधवनगर
– बरही
– ढीमरखेड़ा
१०८ एंबुलेंस को लेकर खास-खास
– समय पर नहीं हो रही एंबुलेंस वाहनों की सर्विसिंग।
– वाहनों के चालन की समय पर नहीं हो रहीं रिपोर्टिंग।
– ३० डॉक्टर और ३० पॉयलट कर रहे हैं काम।
– डॉक्टर और पायलट में प्रतिमाह खर्च हो रहे ४ लाख रुपए।
– महीने भर में ८४ हजार किलोमीटर से अधिक करती हैं रन।
– वाहनों को प्रति माह लगभग १५ लाख रुपए हो रहा भुगतान।
– सुधार कार्य में जाने के कारण खड़ी हो जाती हैं २-३ एंबुलेंस।
– दो १०८ एंबुलेंस एक माह से पड़ी हैं खराब, नहीं हुआ सुधार।
– स्लीमनाबाद-बिलहरी के लोगों को नहीं मिल रहा १०८ का लाभ।
– ४ वाहन खस्ता हालत में हैं, जिन्हें किया जाना है नीलाम।
१०८ में ये उपकरण जरुरी
– जीवन रक्षक दवाईयां
– बीपी अपार्ट्स
– पल्स ऑक्सीमीटर
– थर्मामीटर
– स्थेपो स्कोप
– फायर एग्जक्यूटर
– स्ट्रेचर
– व्हीलचेयर
– वेंटीलेटर
– ऑक्सीजन सिलेंडर
– वॉस बेसिन
– ग्लूकोमीटर
– अंबू बैग
यह आ रही समस्या
एक्सीडेंट, अचानक बिपरीत हुए स्वास्थ्य, हार्ट अटैक, प्रसव पीड़ा सहित अन्य बीमारियों में सीरियस पेसेंट को जल्दी उपचार मिल सके इसके लिए लोग १०८ को कॉल करते हैं। डॉ. के मुताबिक इस परिस्थिति में मरीज को शीघ्र उपचार व तत्कालीक ट्रीटमेंट की जरुरत होती है। इसी लिहाज के १०८ की परिकल्पना की गई है। लेकिन यदि वाहन में पर्याप्त स्टूमेंट न हों तो मरीज की जान खतरे में पड़ सकती है।
जरुरी उपकरण इतने वाहनों में नहीं
– बीपी अपार्ट्स ३ एंबुलेंस
– पल्स ऑक्सीमीटर ४ एंबुलेंस
– थर्मामीटर ३ एंबुलेंस
– स्थेपो स्कोप ५ एंबुलेंस
– फायर एग्जक्यूटर ३ एंबुलेंस
– स्ट्रेचर ४ एंबुलेंस
– व्हीलचेयर ८ एंबुलेंस
– वेंटीलेटर ४ एंबुलेंस
– ऑक्सीजन सिलेंडर २ एंबुलेंस
– वॉस बेसिन ६ एंबुलेंस
– ग्लूकोमीटर ५ एंबुलेंस
– अंबू बैग २ एंबुलेंस
इनका कहना है
जिले में १०८ वाहनों के परिचालन की स्थिति ठीक नहीं है। अधिकांश वाहनों में पर्याप्त स्टूमेंट नहीं हैं। रिपोर्टिंग भी नहीं हो रही। इसके लिए मिशन संचालक को अवगत कराया गया है।
डॉ. अशोक अवधिया, सीएमएचओ।
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जिले में १२-१०८ एंबुलेंस वाहन हैं। १० चालू हालत में हैं। २-३ मेंटेनेंस में चली जाती हैं। कुछ वाहन ऐसे हैं जिसमें पर्याप्त उपकरण नहीं हैं। शीघ्र ही उनमें व्यवस्था कराई जाएगी।
डॉ. संजीव शर्मा, १०८ एंबुलेंस प्रभारी।