scriptनौनिहालों के भवन निर्माण में भी अनदेखी की सीलन: राशि के अभाव में अधर में लटका जिले के 133 आंगनवाड़ी केंद्रों का निर्माण | 133 Anganwadi centers not being constructed in Katni district | Patrika News

नौनिहालों के भवन निर्माण में भी अनदेखी की सीलन: राशि के अभाव में अधर में लटका जिले के 133 आंगनवाड़ी केंद्रों का निर्माण

locationकटनीPublished: Aug 01, 2020 04:04:21 pm

Submitted by:

balmeek pandey

किराये व पुराने भवनों में लग रहे केंद्र, मनरेगा व महिला बाल विकास विभाग के बजट से ग्राम पंचायतों को बनाने दो साल पहले मिली थी स्वीकृति, दो साल में 12 भवनों का ही हुआ निर्माण, हरदुआ में निर्माणाधीन पड़ा आंगनवाड़ी केंद्र

नौनिहालों के भवन निर्माण में भी अनदेखी की सीलन: राशि के अभाव में अधर में लटका जिले के 133 आंगनवाड़ी केंद्रों का निर्माण

नौनिहालों के भवन निर्माण में भी अनदेखी की सीलन: राशि के अभाव में अधर में लटका जिले के 133 आंगनवाड़ी केंद्रों का निर्माण

कटनी. नौनिहालों की सेहत और भविष्य संवारने के लिए शासन-प्रशासन द्वारा जिले में 1712 आंगनवाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। यहां पर बच्चों का टीकाकरण, समय-समय पर दवाओं का वितरण, गर्भवती महिलाओं की जांच, पौष्टिक आहार का वितरण, बच्चों को अध्ययन के साथ आहार का वितरण, आयोजन आदि की प्रक्रिया चल रही है। वर्षों से चल रही योजनाओं के बाद भले ही जिले में कुपोषण कम न हुआ हो, लेकिन इतने साल के बाद अबतक कई आंगनवाड़ी केंद्रों के पास स्वयं का भवन तक नहीं हैं। 2018-19 में आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति मिली। इसके तहत जिले के 133 केंद्रों को भवन की स्वीकृति मिली। इनका निर्माण मनरेगा और ग्राम पंचायत से कराया जाना था। 133 केंद्रों में काम शुरू हो गया है, कई पंचायतों ने भवन भी तैयार कर दिए हैं, लेकिन राशि ही नहीं मिल रही। बता दें कि अबतक सिर्फ दो साल में 10 भवन ही बनकर तैयार हुए हैं, शेष राशि के अभाव में अधर में हैं। 66 केंद्रों को दूसरी किश्त की राशि जारी हुई है। अब सभी केंद्रों का काम ठप पड़ा है।

केंद्र से नहीं जारी हो रही राशि
बताया जा रहा है कि आंगनवाडिय़ों के निर्माण के लिए केंद्र से ही विभाग द्वारा राशि नहीं मिल पा रही, जिससे काम अटका पड़ा है। आंगनवाड़ी भवन का निर्माण कार्य कर रही निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायतों ने राशि को लेकर जनपद व जिला पंचायत को कई बार जानकारी देते उक्त शेष राशि का भुगतान जल्द से जल्द कराने की भी मांग कर चुके हैं, ताकि निर्माणाधीन भवन का कार्य पूर्ण हो सके, लेकिन किसी के द्वारा भी आंगनवाड़ी भवन के कार्य को लेकर सजगता नहीं दिखाई। सिर्फ पत्राचार तक ही कार्यवाही सीमित है। बता दें कि निर्माण न होने से आंगनवाड़ी भवन किराये के एक कमरे या फिर जुगाड़ के कार्यालयों में संचालित हो रहे हैं। 0 से 6 वर्ष तक बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों में अच्छी शिक्षा मिल सके, जिससे बच्चों की सही नींव तैयार हो जाए, इसके लिए शासन द्वारा भवनों का निर्माण कार्य करा रही है। जो केंद्र किराए व कच्चे भवनों में संचालित हो रहे है उन्हें स्वयं का भवन प्राप्त होना है, लेकिन शासन स्तर से आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य में बड़ी लापरवाही बरती जा रही है।

हरदुआ में अधूरा पड़ा निर्माण
स्लीमनाबाद के ग्राम हरदुआ में वर्ष 2018-19 में आंगनवाड़ी भवन की स्वीकृति मिली। जिसका निर्माण कार्य 7 लाख 80 हजार रुपये की लागत से कराया जाना था। जिसमें 4 लाख रुपये 14वें वित्त से, 2 लाख रुपये महिला एवं बाल विकास विभाग से और मनरेगा से 1 लाख 80 हजार रुपये की राशि निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत को मिलनी थी। भवन निर्माण कार्य में निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत को अब तक महज 2 लाख रुपये ही मिले हैं। 2 लाख की राशि का का निर्माण कार्य ग्राम पंचायत कराते हुये उपयोगिता भी जारी कर चुकी है, लेकिन शेष राशि का भुगतान शासन स्तर से नहीं हो रहा है। अधूरे निर्माण से अज्ञात तत्वों के द्वारा भवन को खराब किया जा रहा है। जनपद सीइओ मीना कश्यप का कहना है कि शासन स्तर से राशि अभी नहीं आई।

इनका कहना है
जिले की 133 आंगनवाडिय़ों के निर्माण की राशि नहीं आ रही। 66 कि दूसरी किश्त मिली है। 10 बनकर तैयार हो गए हैं। लगातार राशि की मांग की जा रही है। गुरुवार को भी वीसी में अधिकारियों से चर्चा की गई है।
जगदीशचंद्र गोमे, जिला पंचायत सीइओ।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो