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बगैर गुरु के गढ़े जा रहे छात्र, जानिए कैसे

locationकटनीPublished: Aug 06, 2018 08:42:45 pm

Submitted by:

dharmendra pandey

माध्यमिक से हाइस्कूल व हाइस्कूल से हायर सेकंडरी बनी 15 स्कूलों में नहीं हो पाई शिक्षकों की भर्ती, अंधकार में 300 से अधिक विद्यार्थियों का भविष्य
 
 

Students disenchantment with government schools

probe set up against fake appointments in Schools

कटनी. गुरु का सानिध्य मिले बिना कोई भी पढ़ाई पूरी नहीं होती हैं, लेकिन जिले के 15 स्कूलों में बगैर शिक्षक के ही छात्रों के भविष्य को गढ़ा जा रहा है। माध्यमिक से हाइस्कूल व हाइस्कूल से हायर सेकंडरी स्कूल बनीं इन स्कूलों में सरकार अभी तक शिक्षकों की व्यवस्था नहीं कर पाई है। वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर अतिथि शिक्षकों की भी भर्ती नहीं हो पाई है। ऐसे में जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण इन स्कूलों के छात्रों का भविष्य अंधकार में डूबा हुआ है।

जिलेभर की 11 हाइस्कूल व 4 हायर सेकंडरी स्कूल में शिक्षक ही नहीं है। जबकि जिले में 2018-19 के शिक्षण सत्र को लागू हुए ढाई माह से अधिक का समय बीत गया है। इन 15 स्कूलों में दर्ज 300 से अधिक छात्रों को बिना शिक्षकों के ही पढ़ाई करनी पड़ रही है। उल्लेखनीय है कि जिले में हाइस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूलों की कमीं बनी हुई थी। ऐसे में प्रदेश सरकार ने जिले की 11 माध्यमिक स्कूलों को हाइस्कूल बना दिया और 4 हाइस्कूल को हायर सेकंडरी स्कूल में बदल दिया। इस शिक्षण सत्र में उन्नयन होकर नई बनी इन 15 स्कूलों में कक्षा 9वीं व 11वीं की कक्षाएं शुरू करा दी गई है। हालांकि स्कूलों में दर्ज इन छात्रों को माध्यमिक स्कूलों में पदस्थ अतिथि शिक्षकों द्वारा पढाई कराई जा रही है।

अतिथि शिक्षकों की भी नहीं हो पाई नियुक्ति
उन्नयन होकर नई बनीं 11 हाइस्कूल व 4 हायर सेकंडरी स्कूलों में वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर अब तक अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति भी नहीं हो पाई है। इसका कारण यह है कि नई बनीं इन स्कूलों को पोर्टल पर दर्ज नहीं किया गया। स्कूलों का कोड पोर्टल में दर्ज करने को लेकर जिले के स्कूल शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है।

इनका कहना है
जिले में 15 नई हाइस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूल शासन द्वारा खोले गए हैं। इन स्कूलों में इसी शिक्षण सत्र से कक्षा 9वीं व11वीं की कक्षाएं शुरू करा दी गई है। यह बात सही है कि इन स्कूलों में अभी तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए माध्यमिक स्कूलों में पदस्थ अतिथि शिक्षकों से पढ़ाई कराई जा रही है।
ऊषा अग्रवाल, अतिरिक्त प्रभारी रमसा।
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