खास-खास:
– पांच साल में पहली बार 80 फीसदी किसानों ने बेची उपज, 60 प्रतिशत के ऊपर नहीं हो रही थी खरीदी, 56 के स्थान पर 102 केंद्र बनाए जाने से किसानों ने दिखाई रुचि।
– 85 किसानों के खाते की सीलिंग होने, लिमिट कम होने के कारण भी अटका है भुगतान, खातों का चल रहा है।
– खरीदी बंद होने के बाद भी 15 प्रतिशत परिवहन बकाया होने पर फिर परिवहनकर्ताओं को नोटिस जारी करने की हुई है औपचारिकता।
– बसाड़ी खरीदी केंद्र प्रभारी द्वारा किसानों के साथ खुलेआम की गई लूट, अबतक विभाग द्वारा नहीं कर गई कार्रवाई।
परिवहन ठेकेदारों पर मेहरबानी
जिले में खरीदी बंद हुए 24 घंटे से अधिक का समय बीत गया है और परिवहन की स्थिति अभी भी खराब बनी हुई है। जिले में अभी भी 85 फीसदी गेहूं परिवहन का परिवहन बाकी है। प्रशासन द्वारा तिरुपति, राहूल सलूजा, जीसी चांदवानी को सिर्फ नोटिस जारी करने की औपरचारिकता की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अभी फिस रे तीन दिन के अंदर उठाव करने का समय ठेकेदारों को दिया गया है।
12 किसानों ने नहीं बेच पाई उपज
जिले में लगभग दो माह तक गेहूं की खरीदी हुई, 26 मई तक खरीदी गई, लेकिन अभी भी जिले के 12 किसान गेहूं नहीं बेच पाए। दादूराम सोनी, रुकमणि, प्रहलाद अमाड़ी, कविता राय, अंकुश तिवारी, शिवप्रसाद सिलौंड़ी, पंकज राय मुरवारी व उमरियापान के नवीन कुमार, शशि बाई, समीर, सुरेंद्र कुमार, ओमप्रकाश उपज समर्थन मूल्य पर नहीं बेच पाए। समय पर मैसेज न मिलने व तकनीकी कारणों से गेहूं नहीं बेच पाए।
इन केंद्रों में सबसे कम परिवहन
जिले के कई केंद्रों में अभी भी कई फीसदी परिवहन बाकी है। पिलौंजी, बडख़ेरा, बचैया, पडऱभटा, खमतरा, मुरवारी, परसेल, दशरमन, सिलौंड़ी, अतरसूमा, कांटी, बरही, करेला, हदरहटा, बगैहा में काफी परिवहन बाकी है। इसके अलावा सलैया कोहारी, कारीतलाई, देवराकला, अमेहटा, कैलवारा चाका, कैलावारा चाका 2 में परिवहन की गति सबसे धीमी है।
इनका कहना है
15 फीसदी उठाव बाकी है। समय पर गेहूं का परिवहन न करने पर ठेकेदारों को फिर नोटिस जारी किया गया है। सही जवाब न होने पर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। भुगतान की प्रक्रिया भी भोपाल स्तर पर चल रही है। इस र्वा जिले में रिकॉर्ड खरीदी हुई है।
पीके श्रीवास्तव, जिला खाद्य अधिकारी।