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इस जिले में साढ़े 11 हजार किसानों का 207 करोड़ रुपये बकाया, 15 फीसदी परिवहन अब भी बाकी, अफसर मेहरबान

वर्ष 2019 की तुलना में इस वर्ष गेहूं की जिले में रिकॉर्ड खरीदी हुई है। इस बार लॉकडाउन के चलते 56 से बढ़ाकर प्रशासन ने 102 केंद्र बनाए कि किसानों को परेशानी न हो, लेकिन केंद्रों में किसान हमेशा की तरह परेशान हुए। कई केंद्रों में अधिक तौल, पल्लेदारी की वसूली हावी रही। अधिकारी जानकर अनजान बने रहे। परिवहन न होने सहित अन्य कारणों के चलते 26 मई से खरीदी समाप्त होने के बाद भी किसानों को कई दिनों से भुगतान का इंतजार करना पड़ रहा है।

कटनीMay 28, 2020 / 11:01 am

balmeek pandey

होशंगाबाद, हरदा और बैतूल के ४४ हजार किसानों से खरीदी जाएगी उपज

कटनी. वर्ष 2019 की तुलना में इस वर्ष गेहूं की जिले में रिकॉर्ड खरीदी हुई है। इस बार लॉकडाउन के चलते 56 से बढ़ाकर प्रशासन ने 102 केंद्र बनाए कि किसानों को परेशानी न हो, लेकिन केंद्रों में किसान हमेशा की तरह परेशान हुए। कई केंद्रों में अधिक तौल, पल्लेदारी की वसूली हावी रही। अधिकारी जानकर अनजान बने रहे। परिवहन न होने सहित अन्य कारणों के चलते 26 मई से खरीदी समाप्त होने के बाद भी किसानों को कई दिनों से भुगतान का इंतजार करना पड़ रहा है। बता दें कि गत वर्ष 1 लाख 52 हजार 466 मिट्रिक टन गेहूं की खरीदी हुई थी। इस वर्ष 5800 मिट्रिक टन अधिक खरीदी हुई है। जिलेभर में बनाए गए खरीदी केंद्र में 21 लाख 7 259 क्विंटल गेहूं की खरीदी हुई। अभी तक 17 लाख 84 हजार 218 क्विंटल का परिवहन हुआ है। अभी भी केंद्रों में 3 लाख 23 हजार 541 क्विंटल गेहूं बचा है। 397 करोड़ 90 लाख रुपये का भुगतान होना था। अभी तक 21 हजार 91 किसानों को भुगतान हो चुका है। 183 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। अभी भी 11 हजार 636 किसानों का 207 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है। बता दें कि जिले में 40 हजार 871 किसानों ने समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कराया था। इसमें से 32 हजार 727 किसानों ने ही उपज बेची है। लगभग 6 हजार किसानों ने उपज नहीं बेची। इनके पास उपज थी नहीं या फिर लॉकडाउन के चलते खाने को रख लिए व रुपयों की आवश्यकता होने पर गांव में ही व्यापारी को बेच दिया। हालांकि इस वर्ष गेहूं की रिकॉर्ड खरीदी हुई है।

खास-खास:
– पांच साल में पहली बार 80 फीसदी किसानों ने बेची उपज, 60 प्रतिशत के ऊपर नहीं हो रही थी खरीदी, 56 के स्थान पर 102 केंद्र बनाए जाने से किसानों ने दिखाई रुचि।
– 85 किसानों के खाते की सीलिंग होने, लिमिट कम होने के कारण भी अटका है भुगतान, खातों का चल रहा है।
– खरीदी बंद होने के बाद भी 15 प्रतिशत परिवहन बकाया होने पर फिर परिवहनकर्ताओं को नोटिस जारी करने की हुई है औपचारिकता।
– बसाड़ी खरीदी केंद्र प्रभारी द्वारा किसानों के साथ खुलेआम की गई लूट, अबतक विभाग द्वारा नहीं कर गई कार्रवाई।

परिवहन ठेकेदारों पर मेहरबानी
जिले में खरीदी बंद हुए 24 घंटे से अधिक का समय बीत गया है और परिवहन की स्थिति अभी भी खराब बनी हुई है। जिले में अभी भी 85 फीसदी गेहूं परिवहन का परिवहन बाकी है। प्रशासन द्वारा तिरुपति, राहूल सलूजा, जीसी चांदवानी को सिर्फ नोटिस जारी करने की औपरचारिकता की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अभी फिस रे तीन दिन के अंदर उठाव करने का समय ठेकेदारों को दिया गया है।

12 किसानों ने नहीं बेच पाई उपज
जिले में लगभग दो माह तक गेहूं की खरीदी हुई, 26 मई तक खरीदी गई, लेकिन अभी भी जिले के 12 किसान गेहूं नहीं बेच पाए। दादूराम सोनी, रुकमणि, प्रहलाद अमाड़ी, कविता राय, अंकुश तिवारी, शिवप्रसाद सिलौंड़ी, पंकज राय मुरवारी व उमरियापान के नवीन कुमार, शशि बाई, समीर, सुरेंद्र कुमार, ओमप्रकाश उपज समर्थन मूल्य पर नहीं बेच पाए। समय पर मैसेज न मिलने व तकनीकी कारणों से गेहूं नहीं बेच पाए।

इन केंद्रों में सबसे कम परिवहन
जिले के कई केंद्रों में अभी भी कई फीसदी परिवहन बाकी है। पिलौंजी, बडख़ेरा, बचैया, पडऱभटा, खमतरा, मुरवारी, परसेल, दशरमन, सिलौंड़ी, अतरसूमा, कांटी, बरही, करेला, हदरहटा, बगैहा में काफी परिवहन बाकी है। इसके अलावा सलैया कोहारी, कारीतलाई, देवराकला, अमेहटा, कैलवारा चाका, कैलावारा चाका 2 में परिवहन की गति सबसे धीमी है।

इनका कहना है
15 फीसदी उठाव बाकी है। समय पर गेहूं का परिवहन न करने पर ठेकेदारों को फिर नोटिस जारी किया गया है। सही जवाब न होने पर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। भुगतान की प्रक्रिया भी भोपाल स्तर पर चल रही है। इस र्वा जिले में रिकॉर्ड खरीदी हुई है।
पीके श्रीवास्तव, जिला खाद्य अधिकारी।

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