मकर संक्राति के दिन से सूर्य देव उत्रायण होते हैं और हिंदूओं में शुभ कार्य इसी दिन से प्रारंभ होते हैं। मध्यप्रदेश के बालाघाट के तिरोड़ी माइंस गांव के युवकों पर मकर संक्राति को लेकर ऐसी आस्था है कि गांव के युवक एक साल दो साल नहीं बल्कि 26 साल से 4 सौ किलोमीटर साइकल चलाकर मकरसंक्राति पर्व पर मैहर पहुचते हैं और माँ शारदा के दर्शन करते हैं। यात्रा की अगुवाई कर रहे अशोक साहू ने बताया 1993 में बैजू रगड़े, भारत तांबे, अनूप बाजीराव, दुर्गा पटेल, सुनील पारधी, किशनदास लिमझे और धीरज श्रीवास सहित आठ लोगों ने मिलकर यात्रा प्रारंभ की थी। सुनील, किशन व धीरज अब इस दुनिया में नहीं हैं। बीते सालों के दौरान इनके बेटे साइकल से मैहर पहुंचे थे। इस साल बालाघाट से मैहर के लिए निकली आस्था की साइकल यात्रा शनिवार सुबह कटनी पहुंची। इसमें 24 लोग शामिल हैं। इन्होंने बताया कि 7 जनवरी से यात्रा प्रारंभ कर 13 जनवरी की शाम तक मैहर पहुंचते हैं, 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन माँ शारदा का दर्शन कर देश और प्रदेश के साथ ही अपने से जुड़े लोगों की खुशहाली के लिए प्रार्थना करते हैं। यहां से वापस 22 जनवरी तक गांव पहुंचते हैं।
इस साल यात्रा में ये 24 रहे शामिल
अशोक साहू, सोनू समसे, जीवन श्रीवास्तव, कैलाश सेंदे, प्रीतम सिंह वारधे, तरुण कठौते, विनय बाग, रजत साहू, कमल साहू, चिंटू साहू, सोहन यादव, छोटू रगड़े, शशि अड़माचे, कार्तिक भू आर्य, अलेंद्र ठाकरे, ईशू लाल फलाने, तेजलाल गुड़ी, यशवंत सय्याम, जीतू, राजू चौहान, नवीन यादव, अतुल यादव, नंदकिशोर व संजय शामिल हैं।