कटनी जिला अस्पताल में एकमात्र एमडी मेडिसिन डॉ. अमित पयासी को कोरोना पॉजिटिव मरीजों को देखने की जवाबदारी सौंपी गई तो उन्होंने कदम पीछे नहीं हटाया। लगातार मरीजों का परीक्षण किया और कोशिश में जुटे रहे कि मरीज जल्द से जल्द स्वस्थ होकर खुशी-खुशी घर जाएं।
ड्यूटी के दौरान वे स्वयं भी कोरोना पॉजिटिव हुए। 8 सितंबर को बुखार आया तो लगातार सात दिन तक रहा। फिर सांस लेने में तकलीफ बढ़ी ऑक्सीजन लेवल कम हुआ तो 13 से 17 सितंबर तक जबलपुर स्थित अस्पताल में भर्ती रहे। डॉ. पयासी 28 दिन तक कोरोना संक्रमण से जूझते रहे और 6 अक्टूबर को स्वस्थ होकर अस्पताल में ड्यूटी ज्वाइन की तो फिर कोविड वार्ड में मरीजों का परीक्षण शुरू कर दिया।
पत्रिका से साझा किया अनुभव
डॉ. अमित पयासी ने कोरोना पॉजिटिव होने के अनुभव को पत्रिका से साझा किया। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण से लडऩे और स्वस्थ होकर वापस लौटने का एक फायदा यह हुआ कि इलाज के दौरान अब दूसरे कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पीड़ा और बेहतर समझ सकते हैं। ठीक होने के बाद पॉजिटिव मरीजों के इलाज पर उनका कहना है कि विश्वव्यापी चुनौती से निपटने में हमे अपनी जिम्मेंदारी का बेहतर निर्वहन करना होगा। यह बात जरूर है कि इसके लिए सावधानी भी पूरी बरतनी होगी।