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बीमार अस्पताल की बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं हो रही जानलेवा साबित

locationकटनीPublished: Nov 03, 2018 11:56:15 am

Submitted by:

dharmendra pandey

जिलेभर की चार विधानसभाओं में सरकार ने खोले 214 उपस्वास्थ्य केंद्र, 20 प्राथमिक व 7 सामदुायिक स्वास्थ्य केंद्र, फिर भी नहीं मिल रही बेहतर उपचार की सुविधा
 

Hospital, doctor

Hospital, doctor

कटनी. जिलेभर की चारों विधानसभा क्षेत्र में सरकार ने अस्पताल के भवन तो बना दिए, लेकिन डॉक्टर व दूसरे अन्य स्टाफ की व्यवस्था नहीं की। लगातार बढ़ती आबादी के बीच बदहाल होती स्वास्थ्य सेवाएं लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। जिला अस्पताल में डॉक्टरों के 23 पद खाली हैं तो यहीं हाल जिले के विजयराघवगढ़, बरही, बड़वारा, रीठी व बहोरीबंद, उमरियापान, निवार-पहाड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के हैं।

डॉक्टरों की कमीं का खामियाजा उन मरीजों को भुगतना पड़ता है, जो इमरजेंसी में इलाज की आस लेकर इन अस्पतालों तक पहुंचते हैं। बेहतर इलाज के लिए आमजन को दूसरे शहरों में जाना पड़ रहा है। निजी नर्सिंग होम में महंगे दाम पर उपचार कराना पड़ रहा है। जिला अस्पताल को छोड़ दिया जाए तो जिलेभर में 214 उपस्वास्थ्य, 20 प्राथमिक व 7 सामुदायिक स्वास्थ्य खुले हैं, लेकिन किसी भी अस्पताल में पर्याप्त डॉक्टर व दूसरे कर्मचारी नही है। वार्ड वॉय, स्टाफ नर्स के भरोसे अस्पताल चल रहे हैं। इधर, क्षेत्र में खुले अस्पतालों की व्यवस्था को सुधारने के लिए माननीयों ने वादें तो हर बार किए, लेकिन जीतने के बाद उसे अमल में लाना भूल गए।

कटनी-मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र:
निवार पहाड़ी गांव में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोला गया है। लाखों रुपये की लागत से बने अस्पताल भवन का संचालन नर्सों के भरोसे हो रहा है। डॉक्टर जाते भी है तो नाममात्र के लिए। कमोबेस ऐसी ही स्थिति इस पूरे विधानसभा में संचालित सामुदायिक, प्राथमिक व उपस्वास्थ्य केंद्रों की हैं। शहरी क्षेत्र का विधानसभा होने के कारण जिला अस्पताल भी इसी के अंतर्गत आता है। इस विधानसभा क्षेत्र के तहत 1 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र। शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में 5 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व 29 उपस्वास्थ्य केंद्र बने हैं। 5 नए उपस्वास्थ्य केंद्र यहां भी बनने है। उसके बाद भी उपचार के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है।

विधानसभा क्षेत्र बहोरीबंद:
बहोरीबंद विधानसभा में रीठी और बहोरीबंद में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं। दोनों ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की भारी कमी है। बहोरीबंद अस्पताल में महिला चिकित्सक नहीं होने के कारण साड़ी का घेरा बनाकर प्रसव करवाना पड़ा था। इलाज के नाम पर सिर्फ रैफर टू कटनी व जबलपुर होता है। यहां 7 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। पूरे विधानसभा क्षेत्र में 57 उपस्वास्थ्य केंद्र है। उसके बाद भी यहां के लोगों को बेहतर उपचार की सुविधा नहीं मिल पा रही है। उपचार कराने दूसरे शहरों में जाना पड़ रहा है।

विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़:
उपचार में बदहाली की कमोबेस स्थिति विजयराघवगढ़ के सिविल अस्पताल की है। यहां भी डॉक्टर सहित अन्य स्टाफ की 60 फीसदी कमी है। यहां से लगातार 10 साल से विधायक व मंत्री रहने के बाद भी स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार नहीं ला सके। क्षेत्र में बने अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की पदस्थापना नहीं हुई।जो उपस्वास्थ्य केंद्र बने हुए, उनमें से अधिकांश के ताले भी नही खुलते है।

विधानसभा क्षेत्र बड़वारा:
जिले की विधानसभा क्षेत्र के तहत 1 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना हुआ है। 1 प्राथमिक व 36 उपस्वास्थ्य केंद्र बने हुए हैं। उसके बाद भी यहां के लोगों को बेहतर उपचार की सुविधा नही मिल पा रही है। 10 साल से लगातार विधायक होने के बाद बेपटरी हुई स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधार में लाने कोई पहल भी नहीं की। अनदेखी के चलते यहां के लोगों को भी उपचार के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
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