ऑनलाइन हुई रिपोर्ट
पीएम आवास योजना के तहत पंचायती राज विभाग द्वारा माह अप्रैल और मई में ग्राम सभा और सर्वे कराया गया था, जिसमें आवासहीन व जरुरतमंदों के आवेदन आमंत्रि किए गए थे। इसके तहत 40 हजार के अलगभग सभी जनपदों के माध्यम से आवेदन पहुंचे, जिसमें लगभग 10 हजार अपात्र पाए गए, जिनके आवेदन निरस्त कर दिए गए। स्कूटनी के बाद 31 हजार 905 व्यक्ति ऐसे मिले हैं जिन्हें आवास की आवश्यकता है और पीएम आवास के लिए तय किए गए 13 बिंदुओं में खरे उतरते हैं। इन सभी हितग्राहियों के आवेदन का सत्यापन कराने के बाद वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट पोर्टल में अपलोड की गई है। अब इन्हें आवास योजना के लिए लाभान्वित किए जाने की प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया है।
सरपंच-सचिव की भी मिलीभगत
विश्वस्थ सूत्रों की मानें तो पीएम आवास की सूची में नाम इन गरीबों के न होने के पीछे की एक वजह यह भी कि सर्वे के दौरान ग्राम पंचायतों के सरंपच-सचिवों ने नाम शामिल नहीं होने दिया। बताया जा रहा है कि जिन सरपंच-सचिवों का गांव के लोगों से विरोधाभास था या फिर चुनावी रंजिश थी उनके नाम गरीबी रेखा में शामिल नहीं होने दिए। इसमें न सिर्फ सरपंच-सचिव बल्कि सर्वे करने वाली टीम की भी लापरवाही मानी जा रही है। इसका खामियाजा गरीबों को भुगतना पड़ रहा है। आज उन्हें पीएम आवास के लिए यहां-वहां भटकना पड़ रहा है।
यह है आवास के लिए आवेदनों की स्थिति
ब्लॉक आवेदन
बड़वारा 6216
बहोरीबंद 7410
ढीमरखेड़ा 4112
रीठी 7015
विगढ़ 3802
कटनी 3350
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योग- 31905
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इनका कहना है
जिले को जैसे-जैसे पीएम आवासों का आवंटन मिल रहा है हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है। अभी 31 हजार से अधिक नए आवेदन आए हैं उन्हें पोर्टल पर दर्ज किया गया है, जिनके पास आवास नहीं है।
फ्रेंक नोबल ए, जिला पंचायत सीइओ।